Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को बताया कि पिछले महीने मानसून की शुरुआत के बाद से मौसम की मार, बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन के कारण 69 लोगों की मौत हो गई है और 37 लोग लापता हैं।
सुक्खू ने शिमला में कहा, "अभी तक बरसात में, जब से बरसात शुरू हुई है। तकरीबन जो 69 लोग हैं, वो अपनी जान गंवा चुके हैं, 37 के करीब लोग हमारे मिसिंग हैं, 110 लोग घायल हुए हैं और तकरीबन 700 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। सबसे ज्यादा जो हुआ है, वो सड़कों के रूप में हुआ, पीने के पानी की जल परियोजनाओं में हुआ है, बिजली के प्रोजेक्ट्स में हुआ है। तकरीबन यहां 14 जगहों पर बादल फटे हैं और इतनी जगह बादल फटने के बाद हम अध्ययन कर रहे हैं कि आखिर इतने जगह बादल फटने की घटनाएं क्यों हो रही हैं।"
एनडीआरएफ के जवानों ने शुक्रवार को भारी बारिश के बाद भराड़, देजी, पयाला और रुकचुई गांवों में फंसे 65 लोगों को बचाया। थुनाग में बादल फटने से कई घर क्षतिग्रस्त हो गए। भारी बारिश के बाद भूस्खलन से सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं और नदियां उफान पर आ गईं, जिससे कई गांव कट गए और लोगों के घरों और खेतों में मलबा जमा हो गया।
बादल फटने से 150 से अधिक घर, 106 मवेशी शेड, 31 वाहन, 14 पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जबकि कई आपदाओं में 164 मवेशी मारे गए हैं। बचाए गए 402 लोगों के लिए पांच राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें से 348 अकेले मंडी से हैं।