अमेरिका में आरएसएस पर हमला करने के फेर में राहुल गांधी एक सिख नौजवान का हवाला देकर ऐसा कुछ कह बैठे जिसे बीजेपी ने सिखों के अपमान का मुद्दा बना दिया है. दरअसल राहुल गांधी ने एक कार्यक्रम में एक सिख व्यक्ति ने उनसे सवाल पूछा था. इस पर राहुल ने उस व्यक्ति से पूछा कि आपका क्या नाम है. इसके बाद राहुल ने कहा कि भारत में लड़ाई इस बात की है कि क्या एक सिख को पगड़ी या कड़ा पहनने का अधिकार है या नहीं. एक सिख के रूप में वह गुरुद्वारा जा सकते हैं या नहीं. लड़ाई इसी बात के लिए है और यह सिर्फ उनके लिए ही नहीं बल्कि सभी धर्मों के लिए है. उनके इस बयान को लेकर भारत में हंगामा मच गया.
विदेशी धरती पर राहुल गांधी के इस बयान के बाद सियासत में उबाल है. बीजेपी की तरफ से केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने प्रेस कॉन्फरेंस की और कांग्रेस को जमकर आड़े हाथों लिया. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि वर्ष 1984 में कांग्रेस शासनकाल में एक सोची-समझी साजिश के तहत 3 हजार सिखों का नरसंहार किया गया और इस नरसंहार में कांग्रेस के कई नेता शामिल थे. कांग्रेस सरकार के दौरान सिख नरसंहार में शामिल नेताओं को सम्मानित करने का काम किया गया. लेकिन मोदी सरकार ने इस हत्याकांड में शामिल नेताओं को जेल के सलाखों के पीछे पहुंचाने का काम किया. पुरी ने कहा कि मैं पिछले 60 सालों से भी अधिक समय से पगड़ी और कड़ा पहन रहा हूं और मुझे आज तक ऐसा कोई नहीं मिला जो कहे कि उसे पगड़ी और कड़ा पहनने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता आरपी सिंह ने इस बयान को लेकर राहुल गांधी को अदालत में घसीटने की चुनौती दी. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सिखों के हित में कई काम किया है. गुरुद्वारों में लंगर पर लगने वाले टैक्स को माफ करने के साथ ही करतारपुर कॉरिडोर को खोलने का काम किया है. राहुल गांधी बाहर जाकर सिखों की भावना के खिलाफ गलतबयानी कर एक खतरनाक एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं.