कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का आज अंतिम संस्कार वेटिकन सिटी में पूरे राजकीय और धार्मिक सम्मान के साथ किया जाएगा। उनके निधन से पूरे विश्व में शोक की लहर है। भारत सरकार ने भी उनके सम्मान में आज एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में दुनियाभर के प्रमुख राष्ट्राध्यक्षों, राजनेताओं और धार्मिक नेताओं के शामिल होने की संभावना है। वेटिकन सिटी में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। चर्च के बाहर हजारों श्रद्धालु अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े हैं।
भारत सरकार ने उनके सम्मान में सभी सरकारी कार्यालयों, शिक्षण संस्थानों और राष्ट्रीय भवनों पर झंडा आधा झुका रहने का निर्देश दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोप फ्रांसिस के निधन पर गहरा शोक जताते हुए कहा कि, "उन्होंने विश्व शांति, मानवता और सामाजिक न्याय के लिए जो कार्य किए, उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।"
पोप फ्रांसिस अपने जीवन में हमेशा गरीबों, शरणार्थियों और वंचितों की आवाज बने रहे। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, शांति और धार्मिक सौहार्द जैसे मुद्दों पर वैश्विक चेतना जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दुनियाभर के कैथोलिक समुदाय के अलावा अन्य धर्मों के लोग भी उन्हें एक नम्र, सादगीपूर्ण और करुणामय नेता के रूप में याद कर रहे हैं। पोप फ्रांसिस का जाना केवल चर्च के लिए नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक महान नैतिक आवाज का मौन हो जाना है।