प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 जुलाई से 9 जुलाई तक पांच देशों घाना, त्रिनिदाद-टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की यात्रा पर निकले हैं। यह पिछले दस वर्षों में उनकी सबसे लंबी विदेश यात्रा है। दौरे की शुरुआत घाना से हो रही है, जहां मोदी 2-3 जुलाई तक रहेंगे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की तीन दशकों में पहली घाना यात्रा है। वे घाना के राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे और आर्थिक, ऊर्जा और रक्षा सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
इसके बाद 3-4 जुलाई को प्रधानमंत्री त्रिनिदाद और टोबैगो पहुंचेंगे। 1999 के बाद यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी, जिससे दोनों देशों के व्यापार और सांस्कृतिक संबंध मजबूत होंगे। 4-5 जुलाई को मोदी अर्जेंटीना में रहेंगे, जहां वे रक्षा, कृषि, खनन, तेल और गैस जैसे क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने पर चर्चा करेंगे।
इसके बाद वे 5-8 जुलाई तक ब्राजील में रहेंगे, जहां रियो डी जेनेरियो में BRICS शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। वे ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा से मुलाकात करेंगे और सम्मेलन के दौरान वैश्विक शासन में सुधार, शांति और सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, जिम्मेदारी के साथ एआई के इस्तेमाल और वैश्विक स्वास्थ्य जैसे अहम मुद्दों पर अपनी बात रखेंगे। राष्ट्रपति सिल्वा उनके सम्मान में विशेष रात्रिभोज (डिनर) भी देंगे।
यात्रा का आखिरी पड़ाव नामीबिया होगा, जहां मोदी 9 जुलाई को पहुंचेंगे। वे संसद में भाषण भी दे सकते हैं। यह दौरा भारत और नामीबिया के बीच व्यापार और सहयोग को नई दिशा देगा। इस समय दोनों देशों के बीच व्यापार करीब 60 करोड़ डॉलर तक पहुंच चुका है और भारतीय कंपनियां वहां खनन, हीरा प्रसंस्करण (डायमंड प्रोसेसिंग) और विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) क्षेत्रों में निवेश कर रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत के वैश्विक संबंधों को मजबूत करने और नई साझेदारियों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।