गुवाहाटी में मंगलवार सुबह भारी बारिश के बाद शहर के कई इलाकों से जलभराव हो गया। सड़कें जलमग्न हो गईं जिससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने एक बयान में कहा, "23 से 27 जुलाई के दौरान देश के पूर्वी हिस्सों (गंगा के तटीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड) में भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहने की संभावना है।" असम की राजधानी गुवाहाटी में मंगलवार को हुई मूसलधार बारिश ने शहर की रफ्तार थाम दी। लगातार घंटों तक चली भारी बारिश के बाद शहर के कई निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई, जिससे सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं और यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ।
पलटन बाजार, चोरहाट, मालीगांव, बामुनीमैदान और चानमारी जैसे प्रमुख इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया। वाहनों की आवाजाही बाधित हुई और कई जगहों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा हो गई। स्थानीय लोगों को ऑफिस और स्कूल जाने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हर साल की तरह इस बार भी बारिश के बाद शहर की ड्रेनेज व्यवस्था की पोल खुल गई। कई इलाकों में जल निकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण पानी घंटों तक जमा रहा। स्थानीय निवासियों ने नगर निगम पर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि मानसून से पहले नालों की सफाई नहीं की गई थी।
गुवाहाटी नगर निगम (GMC) और जिला प्रशासन की टीमें प्रभावित इलाकों में राहत कार्य में जुटी हैं। जलभराव को कम करने के लिए पंपिंग मशीनें लगाई गई हैं और ट्रैफिक पुलिस को भी मोर्चे पर तैनात किया गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि जरूरी होने पर ही घरों से बाहर निकलें।जलभराव के कारण कई स्कूलों ने छुट्टी घोषित कर दी जबकि कुछ जगहों पर बच्चों को स्कूल से वापस भेज दिया गया। बाजारों में भी सन्नाटा देखा गया और दुकानदारों ने शिकायत की कि ग्राहक नहीं पहुंच पा रहे हैं। मौसम विशेषज्ञों ने आने वाले दिनों में और बारिश की संभावना जताई है और प्रशासन से जल निकासी व्यवस्था दुरुस्त करने की अपील की है। विशेषज्ञों का कहना है कि शहरीकरण की तेज रफ्तार और जल निकासी की पुरानी व्यवस्था इस समस्या की बड़ी वजह है।