महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को मुंबई के निचले इलाकों में जलभराव के लिए दक्षिण-पश्चिम मानसून के समय से पहले आने और थोड़े समय में भारी बारिश को जिम्मेदार ठहराया, जिससे सड़क और रेल यातायात बाधित हुआ। उप-मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि शहर के कई हिस्सों में 12 घंटों में 200 मिमी से अधिक बारिश हुई।
उन्होंने कहा, "देखिए एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में, उसमें एक तो हमारे जो राज्य शासन के सब लोग थे। एक दूसरी बैठक हुई थी, जिसमें एनडीआएफ, आर्मी नौसेना, तटरक्षक बल सब थे। तो ये सब तैयारी जो है, डिजास्टर मैनेजमेंट और प्री-मानसून की तैयारी के लिए वो सब कुछ हर साल की तरह वो लोगों ने अपनी तैयारी की है। अब ये मानसून जो है 30-35 साल में पहली बार थोड़ा जल्दी आ गया है। थोड़ा तो तकलीफ तो हुई है। लेकिन जहां लगता है कि आपत्ति आ सकती है, आपदा आ सकती है, उधर तुरंत उनको सुरक्षित जगह पर उनको शिफ्ट करना, इसका भी ध्यान रख रहे हैं।"
शहर में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आने की सामान्य तिथि 11 जून है, लेकिन यह इस साल 26 मई को मुंबई पहुंचा। शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीएमसी कभी भी इतनी खतरनाक स्थिति में नहीं रही।
ठाकरे ने कहा, "आज एक्वा लाइन (आचार्य अत्रे चौक मेट्रो स्टेशन) में पानी भर गया है। दुर्भाग्य की बात यह है कि इसका उद्घाटन एक सप्ताह पहले ही हुआ था। आज हमें अंदर जाने की अनुमति नहीं है क्योंकि मलबा गिर रहा है। उद्घाटन के समय क्या सुरक्षा उपाय किए गए थे। सड़क धंस गई है, मुंबई में बहुत सारी सड़कें खोद दी गई हैं। बीएमसी भाजपा के नियंत्रण में है। पिछले ढाई साल से आप मुंबई की सड़कों पर भाजपा का भ्रष्टाचार देख सकते हैं।"