हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र साल का पहला महीना होता है. हर साल इसकी शुरुआत चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है. धार्मिक दृष्टि से चैत्र माह बहुत विशेष माना गया है. इस माह में कई महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार मनाए जाते हैं, जैसे- चैत्र नवरात्रि, रामनवमी, गुड़ी पड़वा और पापमोचनी एकादशी समेत आदि.
चैत्र माह का महत्व
सृष्टि के रचियता ब्रह्मा जी ने चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू नववर्ष की रचना की थी. यह नए आरंभ और शुभता का प्रतीक है.
चैत्र मास के प्रमुख व्रत और त्यौहार (Major Hindu Festivals and Vrats in March- April 2025 Chaitra Month)
चैत्र नवरात्रि
चैत्र माह में नवरात्रि मनाई जाती है. जिसमें मां दुर्गा के नौ रुपों की आराधना की जाती है. इस साल 30 मार्च, रविवार से नवरात्रि की शुरूआत हो रही है. चैत्र नवरात्रि का समापन 6 अप्रैल को होगा.
मत्स्य जयंती
चैत्र माह में भगवान विष्णु जी के पहले अवतार मत्स्य अवतार हुआ था. इस दिन तो मत्स्य जयंती के नाम से जाना जाता है. चैत्र में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को यह जयंती मनाई जाती है. साल 2025 में यह तिथि 31 मार्च 2025 सोमवार को पड़ेगी.
गणगौर
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह शुक्ल पक्ष तृतीया को गणगौर के रूप में मनाया जाता है. इस दिन अविवाहित कन्याएं और विवाहित स्त्रियां माता पार्वती और भोलेनाथ के लिए व्रत करती हैं. साल 2025 में यह व्रत 31 मार्च को रखा जाता है.
राम नवमी
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन को श्री राम जन्मोत्सव के नाम से भी जाना जाता है.
कामदा एकादशी
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को कामदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. साल 2025 में यह तिथि 8 अप्रैल, मंगलवार को पड़ रही है.
हनुमान जयंती
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती मनाई जाएगी. साल 2025 में हनुमान जयंती 12 अप्रैल 2025, शनिवार को पड़ रही है. इस दिन को हनुमान जन्मोत्सव के नाम से भी जाना जाता है. इसी दिन चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि भी होगी.