राजस्थान के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन पवन कुमार उपाध्याय ने सोमवार को पार्क अधिकारियों को बताया कि पिछले एक साल में रणथंभौर नेशनल पार्क में 75 बाघ में से 25 लापता हो गए हैं। ये पहली बार है जब एक साल के अंदर इतनी बड़ी संख्या में बाघों के लापता होने की सूचना दी गई है। इससे पहले जनवरी 2019 से 2022 के बीच रणथंभौर से 13 बाघों के लापता होने की सूचना दी गई थी।
रणथंभौर के वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट का आरोप हैं कि रिजर्व की दीवारी कई जगह से टूटी हुई है। इसकी वजह से आम लोग और दूसरे जानवर आसानी से नेशनल पार्क के अंदर आ-जा सकते हैं, जिससे पार्क के वन्यजीवों को खतरा बना रहता है। वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट ने लापता बाघों की जांच के लिए तीन सदस्यों की समिति बनाई है।
पार्क अधिकारियों के मुताबिक रणथंभौर नेशनल पार्क 900 वर्ग किलोमीटर एरिया में फैला हुआ है। यहां काफी संख्या में बाघ और शावक रहते हैं। हालांकि इनके बीच लड़ाई झगड़ा नहीं होता। भारतीय वन्यजीव संस्थान ने 2006 और 2014 के बीच एक स्टडी की थी। जिसमें कहा गया था कि पार्क में करीब 40 वयस्क बाघ रह सकते हैं।