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रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा की मेरठ कोर्ट में पेशी, नकली होलोग्राम मामले में हैं आरोपी

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले में निलंबित IAS अनिल टुटेजा को आज मेरठ के कोर्ट में पेश किया गया है। शनिवार रात रायपुर से जेल से रायपुर पुलिस मेरठ के लिए रवाना हुई थी। गौरतलब है कि टुटेजा को नकली होलोग्राम केस में अनिल टुटेजा के खिलाफ भी FIR दर्ज हुई है। इसलिए पूछताछ के सिलसिले में मेरठ कोर्ट में पेश किया गया है। पुलिस सिक्योरिटी के बीच अनिल टुटेजा को कोर्ट में लाया गया। वहीं इसी मामले में अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी की भी आज पेशी होना है। माना जा रहा है कि दोनों की रिमांड बढ़ सकती है।

आपको बता दे कि अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी दोनों इसी मामले में मेरठ जेल में न्यायिक रिमांड में बंद हैं। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजा था।नकली होलोग्राम मामले के खिलाफ आरोपियों ने यूपी के हाईकोर्ट में एक आवेदन लगाया है। नोएडा के कासना थाने में दर्ज FIR को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चैलेंज किया है। बता दे कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले की जांच कर रही ED के डिप्टी डायरेक्टर ने जुलाई 2023 को नकली होलोग्राम मामले में नोएडा के कासना थाने में FIR दर्ज कराई थी। इस केस की जांच यूपी STF कर रही है।

वही इस FIR में आबकारी विभाग के विशेष सचिव रहे एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर, रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और आबकारी विभाग के तत्कालीन आयुक्त रहे निरंदन दास और होलोग्राम सप्लाई करने वाली प्रिज्म कंपनी के डायरेक्टर विधु गुप्ता के खिलाफ FIR दर्ज की थी। FIR के मुताबिक, नोएडा स्थित PHSF नाम की कंपनी को टेंडर मिला था। यह टेंडर छत्तीसगढ़ के एक्साइज डिपार्टमेंट ने होलोग्राम की आपूर्ति करने के लिए अवैध रूप से दिया गया। कंपनी टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पात्र नहीं थी। आरोप है कि, आबकारी विभाग के विशेष सचिव AP त्रिपाठी, तत्कालीन आबकारी कमिश्नर निरंजन दास, तत्कालीन IAS अनिल टुटेजा ने टेंडर के लिए उसकी शर्तों में संशोधन किया। बदले में कंपनी के मालिक विधु गुप्ता से प्रति होलोग्राम 8 पैसे का कमीशन लिया गया। छत्तीसगढ़ में सरकारी दुकानों से अवैध देसी शराब की बोतल बेचने के लिए बेहिसाब डूप्लीकेट होलोग्राम लिए गए।

टेंडर मिलने के बाद विधु गुप्ता डूप्लीकेट होलोग्राम की सप्लाई छत्तीसगढ़ के सक्रिय सिंडिकेट को करने लगा। यह सप्लाई CSMCL के तत्कालीन एमडी अरुणपति त्रिपाठी के निर्देश पर हुई। सिंडिकेट के सदस्य डूप्लीकेट होलोग्राम को विधु गुप्ता से लेकर सीधे तीनों शराब निर्माता कंपनियों को पहुंचा देते थे। इन डिस्टलरीज में होलोग्राम को अवैध शराब की बोतलों पर चिपकाया जाता था। इसके बाद अवैध बोतलों को फर्जी ट्रांजिट पास के साथ CSMCL की दुकानों तक पहुंचाया जाता था। फर्जी ट्रांजिट पास का काम छत्तीसगढ़ के 15 जिलों के आबकारी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से होता था। इन दुकानों पर गैंग के कर्मचारी रहते थे। जो अवैध शराब को असली शराब के साथ बेच देते। इसका पैसा अलग से इकट्ठा करते। अवैध शराब से आया पैसा गैंग सदस्य अलग से कलेक्ट करते। इसके बाद पैसे को बड़े अधिकारियों के पास पहुंचाया जाता। गैंग में शामिल सभी सदस्यों का कमीशन फिक्स था। 2019 से 2022 तक हर महीने 400 ट्रक की अवैध शराब की सप्लाई की गई। जुलाई 2023 में छत्तीसगढ़ आबकारी घोटाले से जुड़े नकली होलोग्राम मामले में ED ने नोएडा के कासना थाने में तत्कालीन आबकारी आयुक्त निरंजन दास, अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी और तत्कालीन सचिव इंडस्ट्रीज निलंबित IAS अनिल टुटेजा के खिलाफ केस दर्ज कराया था। इनके अलावा PHSF के डायरेक्टर विधु गुप्ता के खिलाफ कई गंभीर धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया गया था।