मेरठ में दलित आदमी के चेहरे पर ठाकुर बिरादरी के लोगों द्वारा यूरिन पास करने का मामला झूठा निकला। बुधवार को एक व्यक्ति कप्तान दफ्तर पहुंचा था। यहां उसने शिकायत दी थी कि गांव में ठाकुर सहित अन्य सवर्ण जाति के लोगों ने उसके साथ मिसबिहेव किया है। उसे मंदिर में गंगाजल चढ़ाने से रोका, इतना ही नहीं उसे मारपीटकर उसका हाथ तोड़ दिया। उसके चेहरे पर यूरिन कर दिया। अब उसे न्याय चाहिए। जहां पीड़ित युवक ने देर रात पुलिस को ये लेटर दिया जिसमें लिखा कि उसने ये सारे आरोप बहकावे में आकर लगाए थे।
जिसके बाद पूरे मामले की जांच एसपी देहात को दी गई। जब युवक से पूछताछ हुई तो वो सारी बातों से मुकर गया। उसने कहा कि गांव में आपसी विवाद है। उसने कुछ गांववालों के बहकावे में आकर ये सारी बातें कह दी थी। पुलिस पूछताछ में पीड़ित ने कहा कि उसने अपने साथ लूटपाट, मुंह पर पेशाब करने और आपत्तिजनक बातें कहने के जो आरोप लगाए थे वो सब गलत हैं। कहा कि उसने मीडिया के सामने ये सब झूठी बातें कही थीं। इस प्रकार की कोई बात नहीं हुई थी। कहा कि मेरा झगड़ा हो गया था इससे ज्यादा कुछ नहीं हुआ था। उस झगड़े में ही मुझे चोट लगी और मेरा हाथ टूटा। इसके बाद हम दोनों पक्षों का गांववालों ने बैठाकर समझौता करा दिया था। अब वो किसी तरह की कार्यवाही नहीं चाहता।
वहीं इस पूरे मामले में एसपी देहात डॉ राकेश कुमार मिश्रा ने कहा कि एक व्यक्ति द्वारा मारपीट करने, टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था ये शिकायत भी आई थी। जब पीड़ित व्यक्ति से पूछताछ की गई तो उन्होंने सारे आरोपों को निराधार बताया है। और लिखित रूप में इसे बिना किसी दबाव के सारे आरोपों और चेहरे पर पेशाब करने के आरोप को गलत बताया। उन्होंने सारी बातों को निराधार बताकर अपना पत्र भी पुलिस को दिया है। उक्त व्यक्ति ने गलत और भ्रामक सूचना देकर एक प्रकार से माहौल खराब करने का प्रयास किया है उसके खिलाफ तस्करा डाला जाएगा और जिन लोगों के दबाव मे उन्होंने ये सारे मिथ्या आरोप लगाए थे उनकी भी जांच की जा रही है।