नयी दिल्ली, 10 सितंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने पद्म पुरस्कार से सम्मानित दिवंगत कलाकार एम एफ हुसैन की दो पेंटिंग से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचने के दावों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देने से बुधवार को इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति अमित महाजन ने कहा कि इस मामले में किसी जांच की आवश्यकता नहीं है। अधिवक्ता अमिता सचदेवा ने शिकायत दायर की थी।
न्यायाधीश ने आवेदन खारिज करते हुए सवाल किया, ‘‘सब कुछ पहले से ही अदालत के समक्ष है। उसे यह तय करना है कि क्या भावनाएं आहत हुईं। इसमें जांच की क्या आवश्यकता है?
यह आवेदन निचली अदालत के उस आदेश के विरुद्ध दायर किया गया था जिसमें कहा गया था कि आगे किसी जांच की आवश्यकता नहीं है।
मजिस्ट्रेट अदालत ने कहा कि यह मामला उसके समक्ष एक शिकायत के रूप में आगे बढ़ सकता है।
हालांकि, शिकायतकर्ता ने बुधवार को उच्च न्यायालय को बताया कि वह व्यक्तिगत रूप से यह मुकदमा नहीं लड़ सकती।
शिकायतकर्ता ने अदालत से कहा, ‘‘मुझे यह पता लगाना होगा कि गैलरी में कौन-कौन आया था और किन लोगों की भावनाएं आहत हुई थीं।’’
निचली अदालत में दायर शिकायत में दिवंगत कलाकार की दो पेंटिंग प्रदर्शित करने के लिए गैलरी पर मुकदमा चलाने का अनुरोध किया गया था, जिनमें हनुमान और गणेश को दिखाया गया था।
भाषा अमित माधव
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