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नेपाल के काठमांडू में अशांति के बीच भारतीय पर्यटक फंसे

(तीसरे पैरा में कुछ शब्द जोड़ते हुए रिपीट)

बेंगलुरु, 10 सितंबर (भाषा) नेपाल की राजधानी काठमांडू में फैली अशांति के कारण कर्नाटक और तमिलनाडु सहित कई राज्यों के भारतीय पर्यटक वहां फंसे हुए हैं। एक पर्यटक ने बुधवार को यह जानकारी दी।

अपनी बहन के साथ कैलाश-मानसरोवर की यात्रा पर गई गौरी के. ने बताया कि वह बड़ी संख्या में भारतीय पर्यटकों के साथ एक होटल में फंसी हुई हैं।

गौरी ने काठमांडू से फोन पर 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘आज हमें हवाई मार्ग से वापस जाना था लेकिन काठमांडू में अशांति के कारण सभी एयरलाइन कंपनियों ने अपनी सेवाएं रद्द कर दीं। मैं अब इस होटल में फंसी हुई हूं।’’

उन्होंने बताया कि पर्यटन एजेंसी ने होटल की बुकिंग केवल मंगलवार तक की थी, लेकिन उड़ानें रद्द होने के कारण यहां ठहरे हुए लोग वापस नहीं जा पा रहे हैं।

उनके अनुसार, होटल में 150 से अधिक भारतीय पर्यटक ठहरे हुए हैं, जिनमें लगभग 20 बेंगलुरु से हैं।

मंगलवार की स्थिति का वर्णन करते हुए गौरी ने कहा, ‘‘हर जगह अराजकता का माहौल था। भीड़ ने इमारतों को आग लगा दी थी। कर्फ्यू के बावजूद युवा स्वतंत्र रूप से घूम रहे थे और बीच-बीच में गोलियां चलने की आवाज भी सुनाई दी।’’

उन्होंने कहा कि बुधवार को कर्फ्यू की वजह से स्थिति अपेक्षाकृत शांत रही, लेकिन ‘‘हथियारबंद छात्र अब भी सड़कों पर घूम रहे थे।’’

होटल के कर्मचारियों ने वहां ठहरे लोगों को किसी भी हालत में बाहर न निकलने की चेतावनी दी और कहा कि काठमांडू में ‘भीड़तंत्र’ हावी है।

गौरी ने कहा, ‘‘हम उड़ान सेवाओं की बहाली के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। हमने यह भी सुना है कि एयरलाइंस काठमांडू से नयी दिल्ली तक के टिकटों के लिए बेहिसाब दाम वसूल रही हैं।’’

उन्होंने बढ़े हुए होटल के खर्च पर भी चिंता व्यक्त की।

सैकड़ों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के कार्यालय में घुस गए और आठ सितंबर को भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत को लेकर उनके इस्तीफे की मांग करने लगे जिसके बाद प्रधानमंत्री ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया।

सोमवार रात सोशल मीडिया पर लगाया गया प्रतिबंध हटा लिया गया था।

हालांकि प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद भी प्रदर्शन जारी रहे।

प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, सरकारी दफ्तरों, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के घरों में आग के हवाले कर दिया।

भाषा

राखी नरेश

नरेश

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