(तस्वीरों के साथ)
जम्मू, 10 सितंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में बुधवार को लगातार दूसरे दिन निषेधाज्ञा लागू रही, जहां जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक मेहराज मलिक की हिरासत के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पें हुईं।
भद्रवाह घाटी में पाबंदियां लगाई गईं तथा शहर में सभी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद कर दिए गए हैं।
मंगलवार को हुई झड़पों में दो अधिकारियों समेत कम से कम आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। मलिक को कथित तौर पर सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने के लिए पीएसए के तहत हिरासत में लेकर कठुआ जेल में बंद किए जाने के बाद प्रदर्शन शुरू हो गए थे।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘स्थिति शांतिपूर्ण है। कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि जिले में प्रदर्शन की नयी घटना की कोई सूचना नहीं है।
डोडा जिले में अधिकारियों ने शांति भंग होने की आशंका और कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंताओं के मद्देनजर मंगलवार को निषेधाज्ञा लागू कर दी थी।
डोडा के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट अनिल कुमार ठाकुर ने एक आदेश जारी कर कहा कि अगले आदेश तक जिलेभर में चार या इससे अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध रहेगा।
आदेश में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति भड़काऊ भाषण नहीं देगा, नारे नहीं लगाएगा, या ऐसे हाव-भाव नहीं दिखाएगा जिससे शांति और सांप्रदायिक सद्भाव भंग हो। इसमें कहा गया है कि सार्वजनिक रूप से लाठी या धारदार हथियार ले जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
डोडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को इन प्रतिबंधों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
अधिकारियों ने चेतावनी दी कि निषेधाज्ञा का उल्लंघन होने पर कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी।
डोडा और भद्रवाह के अलावा अन्य कस्बों में भी दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सड़कों पर वाहनों की आवाजाही कम रही। स्थानीय लोगों ने इंटरनेट सेवा बाधित होने की सूचना दी।
अधिकारियों ने बताया कि भद्रवाह, गंडोह, भलेसा, चिल्ली पिंगल, कहारा और थाथरी समेत जिले के संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है।
जम्मू, राजौरी, पुंछ और किश्तवाड़ में भी विरोध प्रदर्शन हुए। नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने मलिक को हिरासत में लिये जाने की निंदा करते हुए इसे ‘‘लोकतंत्र पर हमला’’ बताया।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मलिक से कोई खतरा नहीं है और उन्होंने पीएसए के तहत हिरासत को ‘‘गलत’’ बताया।
भाषा
देवेंद्र मनीषा
मनीषा