उत्तराखंड में ‘सिलक्यारा बैंड-बरकोट रोड’ सुरंग में दोनों तरफ से खुदाई पूरी होने के साथ बुधवार को बड़ी कामयाबी मिली। इसी सुरंग में 2023 में 41 मजदूर दो हफ्तों से ज्यादा वक्त तक फंसे रहे थे। सफलता मिलने पर बुधवार को एक समारोह आयोजित किया गया।
सुरंग की खुदाई का काम पूरा होने की सफलता के साथ-साथ इसके मुहाने पर बाबा बौखनाग मंदिर का अभिषेक समारोह भी हुआ। दोनों समारोहों में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि देवता के नाम पर सुरंग का नाम बदलने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
चार धाम यात्रा के मद्देनजर साढ़े चार किलोमीटर लंबी ये सुरंग काफी महत्वपूर्ण है। दो लेन की दो दिशा वाली इस सुरंग का निर्माण लगभग 853 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। सुरंग के पूरा होने पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के बीच की दूरी 26 किलोमीटर कम हो जाएगी और तीर्थयात्रियों के लिए चार धाम यात्रा ज्यादा सुविधाजनक हो जाएगी।
सुरंग का एक छोर सिलक्यारा मोड़ पर और दूसरा बरकोट पर स्थित है। अधिकारियों के मुताबिक सुरंग को पूरी तरह से चालू होने में लगभग 15 से18 महीने और लगेंगे। 2023 के भूस्खलन के बाद 17 दिनों तक मुश्किल दौर से गुजरने वाले 41 मजदूरों में से लगभग 16 अब भी सुरंग में काम कर रहे हैं। सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को आज भी वो मंजर याद है।
निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद 12 नवंबर, 2023 को मजदूर उसके अंदर फंस गए थे। उन्हें 28 नवंबर को सुरंग से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था। साढ़े चार किलोमीटर लंबी दो लेन वाली सिलक्यारा सुरंग के निर्माण कार्य पूरा होने के साथ ही चारधाम बारहमासी सड़क परियोजना एक कदम आगे बढ़ जाएगी।