उत्तराखंड के कई जिलों में शुक्रवार को हुई भारी बारिश और बादल फटने से भूस्खलन हुआ, जिससे पांच लोगों की मौत हो गई और तीन लोग लापता हैं। इस प्राकृतिक आपदा से लगभग 30-40 परिवार मलबे के नीचे दब गए और कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए। चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी और बागेश्वर जिलों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। बागेश्वर के कपकोट क्षेत्र के पाउसारी ग्राम पंचायत में भारी बारिश की वजह से आधा दर्जन से ज्यादा मकान टूट गए। यहां दो लोगों की मौत हुई और तीन लोग लापता हैं।
चमोली जिले के मोपाटा गांव में भूस्खलन से एक घर और गौशाला मलबे में दब गई, जिससे एक दंपति की मौत हो गई और एक व्यक्ति घायल है। रुद्रप्रयाग जिले के बसुकेदार इलाके में बारिश और भूस्खलन से कई गांवों को भारी नुकसान हुआ है। तलजमानी गांव में लगभग 30-40 परिवार मलबे और बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं। रुद्रप्रयाग के जाखोली में एक घर गिरने से एक महिला की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार चेनागड़ इलाके में चार स्थानीय और चार नेपाली लोग मलबे में फंसे हुए हैं। रास्ते कई जगह टूट जाने के कारण बचाव कार्य में दिक्कत आ रही है।
एसडीआरएफ की चार टीमें बचाव कार्य में लगी हैं। तलजमानी गांव से 40 और कुमड़ गांव से 30 लोग सुरक्षित बचा लिए गए हैं। बागेश्वर में दो शव बरामद हुए हैं, वहीं एक घायल और एक महिला लापता है। चमोली में भी दो लोग मारे गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर कहा कि रुद्रप्रयाग और चमोली में बादल फटने और भूस्खलन से फंसे परिवारों की दुखद खबर मिली है। राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। उन्होंने अधिकारियों को बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं।
टिहरी के बूढ़ा केदार क्षेत्र में भी बारिश और भूस्खलन से मवेशियों के शेड और मंदिर मलबे में दब गए। घाटी के कई नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे स्थानीय लोग डर में हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए बागेश्वर, चमोली, देहरादून और रुद्रप्रयाग जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है।
मॉनसून के इस सीजन में उत्तराखंड प्राकृतिक आपदाओं से बुरी तरह प्रभावित है। हाल ही में पांच अगस्त को खीर गंगा नदी में आई भीषण बाढ़ ने धड़ाली और हर्सिल इलाकों को तबाह कर दिया था, जिसमें 69 लोग लापता हुए थे। प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीम लगातार प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य कर रही है।