उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई। इससे धराली के ऊंचाई वाले गांवों में तबाही मच गई। पानी के तेज प्रवाह में बह गए लोगों की तलाश जारी है। बादल फटने का मतलब बहुत कम समय में एक सीमित इलाके में भारी बारिश होने से है। इससे विनाशकारी नतीजे सामने आते हैं।
बादल फटने से अक्सर अचानक बाढ़ और भूस्खलन होता है, जिससे बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचता है। गरज, बिजली, तेज हवाएं और ओलावृष्टि निवासियों और वन्यजीवों, दोनों के लिए खतरा बढ़ा देती हैं। ये घटनाएं आमतौर पर पहाड़ी इलाकों में पर्वतीय उठान के कारण होती हैं।
विशेषज्ञ हिमालय और दूसरे पहाड़ी इलाकों में बादल फटने की बढ़ती घटनाओं को वैश्विक जलवायु परिवर्तन से जोड़ते हैं। ऐसे हालात में लोगों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम संबंधी सलाह का बारीकी से पालन करें और ऐसी घटनाओं में ज्यादा नुकसान से बचने के लिए ऊंची जगहों पर चले जाएं।