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सुनील भराला ने भूपेंद्र चौधरी से की इस्तीफे की मांग, लिखा- प्रदेश अध्यक्ष पार्टी की हार का जिम्मा लें

मेरठ में पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री सुनील भराला का विवादित ट्वीट सामने आया है। सुनील भराला ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर की है। पोस्ट में लिखा “संगठन सरकार से बड़ा होता है”- श्री केशव प्रसाद मौर्य। वैसे ये पंडित दीनदयाल जी भाग ३ पर लिखा है। पार्टी नेता ने पोस्ट में भाजपा के यूपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी से इस्तीफा देने की बात कही है। लिखा कि माननीय प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी जी को अविलंब हार की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुआ अपने पद से त्याग पत्र दे देना चाहिए।

आपको बता दे सुनील भराला ने आगे लिखा “भाजपा में ऐसी परिपाटी रही है जहां तत्कालीन अध्यक्षों जैसे कलराज मिश्र जी, विनय कटिहार जी आदि ने इस्तीफ़े दिए थे… संगठन का असली कार्यकर्ता वो ही है जो अपनी गद्दी से पहले अपने संगठन व पार्टी के बारे में सोचे। लोकसभा चुनाव 2024 में सुनील भराला को पार्टी ने बिजनौर लोकसभा सीट का चुनाव प्रभारी बनाकर भेजा था। बिजनौर से एनडीए गठबंधन में शामिल रालोद प्रत्याशी चंदन चौहान ने चुनाव जीता है।

उन्होंने यह भी कहांइ स बयान पर मेरी समझ से संगठन की जिम्मेदारी भी बड़ी होती है। माननीय उप मुख्यमंत्री जी केशव प्रसाद मौर्य जी का आशय यही रहा होगा कि हार की बड़ी ज़िम्मेदारी संगठन की ही है। भाजपा नेता सुनील भराला लगातार विवादित पोस्ट करके सुर्खियों में हैं। चुनावी नतीजे आने के बाद भराला ने एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें भाजपा की हार का ठीकरा थाने, तहसीलों के भ्रष्ट अफसरों पर फोड़ा था। इस वीडियो पर विवाद हुआ तो थोड़ी देर बाद उन्होंने इस पोस्ट को डिलीट कर दिया। बाद में 2 घंटे बाद एक नया वीडियो शेयर किया जिसमें लिखा कि कुछ अफसरों के भ्रष्टाचार के कारण ऐसा हुआ है।

संगठन सरकार से बड़ा होता है”- श्री केशव प्रसाद मौर्य। वैसे ये पंडित दीनदयाल जी भाग ३ पर लिखा है। इस बयान पर मेरी समझ से संगठन की जिम्मेदारी भी बड़ी होती है। माननीय उप मुख्यमंत्री जी श्री @kpmaurya1 जी का आशय यही रहा होगा कि हार की बड़ी ज़िम्मेदारी संगठन की ही है। इसलिए माननीय प्रदेश अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र चौधरी को अविलंब हार की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुआ अपने पद से त्याग पत्र दे देना चाहिए। भाजपा में ऐसी परिपाटी रही है जहां तत्कालीन अध्यक्षों जैसे श्री कलराज मिश्र जी , श्री विनय कटिहार जी आदि ने इस्तीफ़े दिए थे… संगठन का असली कार्यकर्ता वो ही है जो अपनी गद्दी से पहले अपने संगठन व पार्टी के बारे में सोचे।