मेरठ महोत्सव में मंगलवार रात को बॉलीवुड सिंगर हर्षदीप कौर ने माइक संभाला तो सर्द रात जवां होती चली गई। हर्षदीप के गीतों पर हर कोई झूम उठा। तालियों की गड़गड़ाहट सुनाई देने ली। हर्षदीप कौर ने अपनी सुरीली आवाज के जादू से हर किसी को मदहोश कर दिया। Once More...Once More का शोर गूंजने लगा। सर्द रात के बावजूद श्रोत्रा देर रात तक उनके साथ गुनगुनाते रहे...हर कोई यही बोला... दिल खुश हो गया।
आपको बता दे बॉलीवुड सिंगर हर्षदीप कौर रात को साढ़े 9 बजे मंच पर पहुंची तो मेरठ के लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। हर्षदीप कौर ने सूफियाना, पंजाबी और हिंदी गीतों की एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर समा बांध दिया। रात को सवा 11 बजे तक लोग उनके गीतों पर झूमते रहे।
उन्होंने पहली प्रस्तुति गीत...अज्ज दिन चढ़ेया तेरे रंग वरगा, फूल सा है खिला आज दिन रब्बा... मेरे दिन ये ना ढले वो जो मुझे खवाब में मिले, उसे तू लगा दे अब गले तेनू दिल दा वास्ता... सुनाकर की।
इसके बाद उन्होंने गर्ल्स को डेडिकेटिड सॉन्ग सुनाया...हीर हीर ना आंखों अडियो मैं ते साहिबा होई डोली लेके आ वे लेजा वे, घोड़ी लेके आवे लेजा वे हो मेनू ले जाए मिर्जा कोई ले जाए मिर्जा कोई, ले जाए मिर्जा कोई हीर हीर ना आंखों अडियो मैं ते साहिबा होई डोली लेके आ वे लेजा वे, घोड़ी लेके आवे लेजा वे...इसके बाद बारी आई गीत सांसों की माला पे सिमरूं मैं पी का नाम की। शानदार प्रस्तुति पर हर कोई तालियां बजाने को मजबूर हो गया।
जिसके बाद मेरठ के लोगों का जोश देखकर बॉलीवुड सिंगर हर्षदीप कौर ने कहा- शुक्रिया मेरठ, ये रात याद रहेगी जब तक है जान... जब तक है जान।
इसके बाद बारी आई कबीरा गीत की प्रस्तुति की। हर कोई अपने मोबाइल की फ्लैश ऑन करके उनके साथ गुनगुनाने लगा। होठों पे आई मेरी जान, लंबी जुदाई...लंबी जुदाई सुनाकर उन्होंने हर किसी का दिल जीत लिया। इसके बाद उन्होंने गीत सुनाया... जो तेरे खातिर तड़पे पहले से ही ओ जालिमा... हर कोई तालियां बजाने लगा।
हर्षदीप काैर ने सभी को याद दिलाया कि आज मोहम्मद रफी साहब की 100 वीं जयंती है। इस मौके पर उन्होंने गीत सुनाया... तुम जो मिल गए हो तो लगता है, ये जहां मिल गया है। तैनू अंखियां दे विच सुनाकर उन्होंने सभी को थिरकने पर मजबूर कर दिया।
हर्षदीप कौर ने आखिर में अली द मस्त कलंदर गीत सुनाकर रात को यादगार बना दिया। स्टेडियम में हर कोई झूम उठा। कार्यक्रम के समाप्त होने पर उन्होंने श्रोताओं के कहने पर आखिरी परफार्मेंस दी।
हर्षदीप काैर की सुरीली आवाज के जादू में हर कोई खो गया। देर रात तक सुरों की महफिल में श्रोता डूबते चले गए। उनकी आवाज पर थिरकते रहे। इस दौरान हर्षदीप कौर के साथ वॉयस ओवर के विनर सुमित सैनी भी आए।
बॉलीवुड सिंगर हर्षदीप कौर का जन्म 16 दिसंबर 1986 को हुआ। वे बॉलीवुड में हिंदी, पंजाबी, अंग्रेजी और सूफी गीतों के लिए जानी जाती हैं। कौर सोलह साल की थीं जब उन्होंने अपना पहला बॉलीवुड गाना "सजना माई हारी" रिलीज किया था। उनके लोकप्रिय गीतों में रॉकस्टार का कटिया करुण, राजी से दिलबरो, जब तक है जान से हीर, रंग दे बसंती से इक ओंकार, रईस से जालिमा, ये जवानी है दीवानी से कबीरा और कॉकटेल से जुगनी जी हैं। 2019 में कौर को 20वें आईफा अवार्ड में राजी के गाने दिलबरो के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का अवार्ड मिला।
इससे पहले मेरठ सिटी पब्लिक स्कूल के छात्र-छात्राओं ने शानदार प्रस्तुति दी। लेजर शो के जरिए रामायण की कहानी दिखाई गई। वंदे मातरम गीत की प्रस्तुति ने हर किसी में जोश भर दिया। भारत माता के जयकारे सुनाई देने लगे।