कन्नौज का एक गांव है मिरूअन मढ़हारपुर। यह काफी पिछड़ा गांव हैं। लेकिन इसकी पहचान यहां जगह-जगह पाए जाने वाले शिवलिंग को लेकर होती है। बताया जाता है कि कभी सम्राट हर्षवर्धन के समय इस इलाके का काफी धार्मिक महत्त्व था। लेकिन समय के थपेड़ो ने इस गांव की पहचान मिटा दी। अब यहां पर समय समय जमीन से शिवलिंग प्रकट होता रहता हैं। अक्सर खुदाई के दौरान भी शिवलिंग के दर्शन हो जाते हैं।
जनपद कन्नौज के तिर्वा तहसील के उमर्दा कस्बे के पास स्थित मिरूअन मढ़हारपुर गांव हैं। यहां के ग्रामीण ने बताया है कि प्राचीन काल में शिवलिंग इस गांव में प्रकट हुई थी। इसके बाद से खुदाई के समय भी शिवलिंग के दर्शन हो जाते हैं। ग्रामीणों के मुताबिक मौखिक रूप से बताया है कि पहले यहां पर काफी ऊंचे-ऊंचे टीले हुआ करते थे। उन स्थानों की मिट्टी कटती रहती हैं। उसी समय इस स्थलों पर एक के बाद एक कर पिछले कई सालों से दर्जनों शिवलिंग निकल आए हैं। इतना ही नहीं जहां शिवलिंग निकलते गए ग्रामीणों ने भी वही पूजा अर्चना भी शुरू कर दी। गांव के लोगों के मुताबिक मुगल शासन काल में यहां सब कुछ नष्ट कर दिया गया। ध्वस्त खंडहरों में से अब शिवलिंग व अन्य प्राचीन महत्त्व की वस्तुएं निकल रही हैं।इनको देखने के लिए भी लोग दूर-दूर से आते हैं।
रिपोर्ट- हिमांशु तिवारी