Meerut News: बाबर के नाम पर शौचालय भी नहीं बनना चाहिए शौचालय की भी अपनी गरिमा है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती मेरठ पहुंचे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद की नींव रखे जाने पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बाबर के नाम पर शौचालय भी नहीं बनना चाहिए शौचालय की भी अपनी गरिमा है। बाबर का नाम लेकर आज कोई कुछ कर रहा है तो वो भी बाबर है। मस्जिद ईश्वर की आराधना का स्थान है, बाबर अत्याचारी था जो ऐसा कर रहा है उसके मुसलमान होने पर प्रश्न चिन्ह है। बाबर राजनीतिक मुसलमान था और बाबर के नाम पर मस्जिद इबादत के लिए नहीं सियासत के लिए बन रही है।
आपको बता दें यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि बिहार की ही तरह यूपी और पश्चिम बंगाल में भी गौरक्षक चुनाव लड़ेंगे। इन दोनों चुनावों में सभी विधानसभा सीटों पर गौरक्षक चुनाव लड़ेंगे। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि बिहार में पांच लाख छियासी हज़ार तेरह वोट गौरक्षकों को मिले हैं। साफ है कि लोगों में गौरक्षा की भावना प्रबल है। ये पूछे जाने पर कि क्या आप पार्टी बनाने जा रहे हैं उन्होंने कहा कि हम पार्टी नहीं बना सकते हैं हम वोटर हैं, गौ माता की रक्षा के लिए देश का वोट होना चाहिए। स्वामी ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव से गौरक्षक प्रत्याशी बेहद उत्साहित हुए हैं, पूरे देश के गौरक्षकों का उत्साह बढ़ा है।
वहीं एसआईआर (SIR) को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि एक नेता ने हाईड्रोजन बम फोड़ा था क्या हुआ। विपक्षी पार्टी जो कह रही थी वोट चोरी हो रहा है उसके एजेंट क्या आंख बंद करके बैठे थे। इस चोरी मत कहिए ये चोर-चोर मौसेरे भाई वाली बात है। अगर विपक्षी पार्टी सहयोग न करें तो क्या सत्ताधारी पार्टी कोई गड़बड़ी कर सकते हैं। विपक्षी पार्टियां सत्ताधीश पार्टियों से मिलकर सब कर रही हैं। नेहरु को लेकर संसद में हुई बहस पर स्वामी ने कहा कि कहा आज तक संसार में कोई उत्पन्न नहीं हुआ जिसमें कोई गुणदोष न हो। घुसपैठियों को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि घुसपैठियां आया कहां से, क्या सीमाओं की सुरक्षा नहीं है। घुसपैठियों को कड़ाई के साथ बाहर करिए। घुसपैठियों को चिन्हित करके बाहर करिए उतने हिंदुओं को वापस बुला लीजिए। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने संत समागम को लेकर भी एलान किया और कहा कि दस और ग्यारह मार्च को दिल्ली में संत समागम होगा। देश भर के संत जो गौरक्षा का भाव रखते हैं वो अवश्य आएंगे। गौमाता को राष्ट्र माता बनाने का संकल्प लेंगे।
जिसके बाद ब्रदीनाथ धाम में शीतकालीन पूजा को लेकर स्वामी ने कहा कि भगवान की पूजा एक दिन भी बाधित नहीं होती। ग्रीष्मकाल में जहां तक जा सकते हैं उतना शीतकाल में नहीं जा सकते हैं। परम्परा में चारों धाम में शीतकालीन धाम बने हुए हैं। वहां पर विग्रह लाकर पूजन होता आया है, लेकिन धारणा ऐसी बन गई थी कि छह महीने ही यात्रा चलती है छह महीने बंद रहती है। इस धारणा को खंडित किया गया है। भगवान को भी अच्छा नहीं लगेगा कि छह महीने भीड़ लगी रहे और छह महीने सूनी रहे। इसलिए तीन वर्ष पहले वो शीतकाल यात्रा बद्रीनाथ धाम की कर रहे हैं और अब अच्छे से पूजा अर्चना बद्रीनाथ धाम में हो रही है। जैसे ही ग्रीष्मकाल की यात्रा है वैसे ही शीतकाल की यात्रा पर भी सरकार का ध्यान गया है।