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स्वामी प्रसाद मौर्य अब सपा से नाराज

समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को लिखे एक पत्र में उन्होंने यह मंशा व्यक्त की है. उनका कहना है, कि जब-जब उन्होंने दलितों, शोषितों और अल्पसंख्यकों के अंदर आत्म सम्मान का भाव जगाने के लिए आवाज बुलंद की तब-तब इस आवाज को मेरा निजी मत बताया गया. पार्टी मेरी मांगों से कन्नी काट गई. स्वामी प्रसाद मौर्य पहले बसपा में थे और उन्हें मायावती का काफी करीबी माना जाता था. मायावती ने अपनी सरकार में उन्हें कई अहम पद दिए.

जनता के बीच अपनी पार्टी की उपेक्षा देख स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा में शामिल हो गए और 2017 का विधानसभा चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़े तथा जीते. योगी आदित्य नाथ सरकार में वे कैबिनेट मंत्री रहे. 2022 में विधानसभा चुनाव के पहले उन्होंने भाजपा छोड़ सपा से नाता जोड़ा, किंतु विधानसभा की फैजलपुर सीट से वे चुनाव हार गए. बाद में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उन्हें विधान परिषद में भेजा तथा राष्ट्रीय महासचिव भी बनाया. जब वे भाजपा में थे, तब उन्होंने अपनी बेटी संघमित्रा मौर्य को लोकसभा टिकट दिलवाया था.