उत्तर प्रदेश की विधान परिषद के लिए 13 सदस्य गुरुवार को निर्विरोध चुन लिए गए. बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के 10 एमएलसी चुने गए तो सपा के हिस्से में तीन एमएलसी सीटें आई हैं. इसके साथ ही विधान परिषद का सियासी गणित बदल गया है. यूपी विधान परिषद में कांग्रेस की तरह बसपा जीरो हो गई है तो बीजेपी के नए सहयोगी बने आरएलडी और सुभासपा ने एंट्री मारी है. बीजेपी को सहयोगी के साथ सीटें साझा करने के चलते कुछ सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है तो सपा को दो सीटों का फायदा ही नहीं मिला बल्कि उसे अपना पुराना रुतबा भी मिल जाएगा.
सपा को 20 महीने बाद फिर से हासिल होगा पुराना रुतबा
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