Gujarat: गांधीनगर के देगम गांव की छात्रा राजवी प्रजापति का सपना है – IIT में दाख़िला लेकर अपने माता-पिता का नाम रोशन करना। 11वीं में साइंस स्ट्रीम लेकर वह पूरी मेहनत से पढ़ाई कर रही हैं। उनकी मां, नीताबेन, गृहिणी होने के साथ-साथ किराने का छोटा सा स्टॉल चलाती हैं—ताकि बेटी की पढ़ाई में पैसों की कोई कमी न आए। बेटी की इस लगन और मां की मेहनत को मज़बूती दे रही है गुजरात सरकार की ‘नमो सरस्वती विज्ञान साधना योजना’। इस योजना के तहत विज्ञान स्ट्रीम में पढ़ने वाले छात्रों को आर्थिक सहायता दी जाती है, जिससे वे बिना किसी आर्थिक चिंता के अपने सपनों को पूरा कर सकें।
इस योजना का लाभ सिर्फ राजवी तक सीमित नहीं है। तोरलबेन चौहान भी ‘नमो सरस्वती विज्ञान साधना योजना’ से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ रही हैं। तोरलबेन का सपना है – आगे चलकर IPS अधिकारी बनना। आज हजारों छात्र-छात्राएं इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं और अपने सपनों को साकार करने की ओर बढ़ रहे हैं।
नमो सरस्वती विज्ञान साधना' योजना के तहत गुजरात सरकार 11वीं में साइंस स्ट्रीम लेने वाले छात्रों को दो साल तक ₹25,000 की आर्थिक मदद देती है। इसके लिए 10वीं कक्षा में कम से कम 50 प्रतिशत अंक से पास होना जरूरी है। 11वीं में एडमिशन के बाद, 10 महीने तक छात्र की मां के खाते में ₹1,000 प्रति माह ट्रांसफर किए जाते हैं। 12वीं में भी यही प्रक्रिया दोहराई जाती है। 12वीं बोर्ड परीक्षा पास करने पर ₹5,000 की राशि भी मिलती है। वित्तीय वर्ष 2024–25 में, जून से जनवरी के बीच ₹100 करोड़ की सहायता वितरित की गई। इसी अवधि में कुल 1,38,661 छात्रों को इस योजना का लाभ मिला है।
इस योजना के माध्यम से गुजरात सरकार गरीब और मध्यम वर्गीय छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रोत्साहन देती है, ताकि वे उच्च शिक्षा हासिल कर विज्ञान और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में अपना भविष्य बना सकें। गुजरात सरकार की 'नमो सरस्वती विज्ञान साधना योजना' का मकसद है ,छात्रों को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार करना। इस योजना से जुड़े छात्रों को न केवल बेहतर शिक्षा और कौशल प्राप्त होते हैं, बल्कि अपने प्रदेश में ही सुनहरे करियर के अवसर भी मिलते हैं।