यूपी में नौ सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव से कांग्रेस ने फिलहाल किनारा कर लिया है। समाजवादी पार्टी ने गठबंधन के तहत कांग्रेस को गाजियाबाद और खैर की दो विधानसभा सीटें दी है, जबकि कांग्रेस अपने लिए पांच सीटों पर दावेदारी कर रही है। कांग्रेस गाजियाबाद और खैर की बजाय अपने लिए सीसामऊ, फूलपुर और मझवां सीटों पर दावेदारी कर रही है। इन सीटों पर समाजवादी पार्टी से बात न बनते देख कांग्रेस ने दबाव बढ़ा दिया है। पार्टी ने कहा है कि यदि उसे सम्मानजनक सीटें नहीं मिलीं तो वह चुनाव से दूर रहेगी।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, सबसे बड़ी पेंच गाजियाबाद और खैर विधानसभा सीटों को लेकर है। ये दोनों सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस लंबे समय से जीत दर्ज नहीं कर पाई है। यदि उपचुनाव में वह इन सीटों पर उतरती है तो भी उसके लिए जीत की संभावनाएं बहुत कम रहेंगी। जबकि यदि फूलपुर और मझवां सीटों पर वह उतरती है तो न केवल उसको जीत मिल सकती है, बल्कि इन क्षेत्रों में उसकी कमजोर होती पकड़ को भी मजबूती मिल सकती है। यही कारण है कि कांग्रेस ने इन सीटों को लेकर अपना दबाव बढ़ा दिया है। वहीं, इन सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुके अखिलेश यादव के लिए पीछे हटना मुश्किल हो रहा है। यही कारण है कि दोनों दलों में पेंच फंस गया है।