तमिलनाडु पुलिस ने शनिवार को कथित तौर पर चोल कालीन भगवान विष्णु की बेशकीमती खंडित मूर्ति के साथ सात लोगों को गिरफ्तार किया और पुलिस के मुताबिक बरामद प्राचीन मूर्ति की कीमत करीब दो करोड़ रुपये है। आठ अगस्त को एक गुप्त सूचना के आधार पर तंजावुर रेंज आइडल विंग सीआईडी टीम ने मेलाथिरुविझापट्टी में तंजावुर-तिरुचिरापल्ली नेशनल हाईवे पर गाड़ियों की जांच शुरू की थी और इसी दौरान एक कार में ढाई फीट की धातु पेरुमल (विष्णु) की मूर्ति बरामद की गई।
सीआईडी विंग की रिलीज के मुताबिक, पूछताछ करने पर कार में बैठे पांच आरोपितों में से एक आरोपित 28 साल के ए. दिनेश ने कथित तौर पर दावा किया कि उसके पिता को 12 साल पहले थोझुवुर नदी में जमीन खोदते समय मूर्ति पर ठोकर लगी थी और उन्होंने इस मूर्ति को अपने पास छिपाकर रखा था, लेकिन तहसीलदार और बाकी अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं दी थी।
रिलीज में कहा गया है कि अपने पिता के निधन के बाद उन्होंने और उनके सहयोगियों ने मूर्ति को दो करोड़ रुपये में बेचने का फैसला किया। ऐसा दिनेश ने पुलिस को बताया ।
हालांकि आरोपित मूर्ति की के संबंध में कोई दस्तावेज पेश नहीं कर सके, इसलिए बीएनएसएस और बीएनएस अधिनियम की अलग अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया और सभी सात लोगों को नौ अगस्त को गिरफ्तार कर लिया गया और रिमांड पर लिया गया। साथ ही उनकी गाड़ियों को भी जब्त कर लिया गया।
रिलीज में कहा गया है कि शुरुआती जांच से पता चला है कि मूर्ति 15वीं या 16वीं शताब्दी की थी और इसे संभवतः चोल काल के दौरान बनाया गया होगा। यह भी शक है कि यह मूर्ति तमिलनाडु के किसी अज्ञात मंदिर से चुराई गई होगी। उस मंदिर का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है