नई दिल्ली: केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को जिम्नास्ट दीपा कर्माकर को पत्र लिखकर खेल से संन्यास लेने के उनके फैसले पर हैरानी जताई। ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला जिम्नास्ट बनी दीपा रियो ओलंपिक 2016 में चौथे नंबर पर रही थीं। उन्होंने सोमवार को खेल को अलविदा कह दिया।
मांडविया ने दीपा को लिखी चिट्ठी में कहा,‘‘मुझे पता चला कि आपने जिम्नास्टिक से संन्यास ले लिया है। आपके फैसले पर मैं हैरान हूं लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि आपने जीवन की अहम प्राथमिकताओं और अनुभवों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया होगा। मैं आपके इस फैसले का पूरी तरह सम्मान करता हूं।’’
केंद्रीय खेल मंत्री ने चिट्ठी में लिखा, ‘‘आपकी जिम्नास्टिक की यात्रा जो महज छह साल की उम्र से शुरू हुई , बहुत ही प्रेरणादायक रही। आपने इस खेल में कई मुश्किलों का सामना करते हुए कामयाबी की ऊंचाइयों को छुआ और देश को गौरवान्वित किया। मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और पद्मश्री जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित होना आपके बेहतरीन योगदान की मिसाल है।’’
उन्होंने आगे लिखा ,‘‘आपका ओलंपिक में हिस्सा लेकर भारतीय जिम्नास्टिक्स में एक नया चैप्टर जोड़ना और इस खेल में हिस्सा लेने वाली पहली भारतीय महिला बनना न सिर्फ आपकी खुद की मेहनत का नतीजा है बल्कि पूरे देश के लिये गर्व की बात है। खास तौर से प्रोडुनोवा वॉल्ट में आपका प्रदर्शन बेहतरीन रहा है। आपकी उपलब्धियों ने न सिर्फ खेलप्रेमियों को प्रेरित किया है बल्कि खास तौर से हमारी बेटियों को भी खेलों में अपने सपनों को साकार करने का साहस दिया है।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ओलंपिक के वो ऐतिहासिक लम्हे जब आप सिर्फ 0.15 प्वाइंट से पदक से चूक गईं लेकिन फिर भी आपने अपने धैर्य और समर्पण से आपने पूरे राष्ट्र का दिल जीत लिया।’’ मांडविया ने लिखा, ‘‘आपका ये सफर देश के लिए अनमोल धरोहर है और मैं उम्मीद करता हूं कि आप अपनी इस अद्वितीय प्रतिभा और अनुभव को आने वाली पीढी के साथ साझा करेंगी।’’