New Delhi: राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक सोमवार को लोकसभा में पारित हो गया। ये विधेयक अर्से से लटका पड़ा था। बिल पास होने को केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने "आजादी के बाद भारतीय खेलों में सबसे बड़ा सुधार" बताया। बिहार में मतदाता सूची में संशोधन को लेकर विपक्ष के विरोध के बीच, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक भी लोक सभा में पारित हो गया। विपक्ष के विरोध के कारण कार्यवाही समय से पहले स्थगित हो गई थी। दोपहर दो बजे कार्यवाही शुरू होने पर राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक पारित हुआ।
जब विधेयकों को विचार करने और पारित करने के लिए पेश किया गया, तब विपक्षी नेता सदन में मौजूद नहीं थे। वे बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण और कथित मतदाता आंकड़ों में हेराफेरी के खिलाफ चुनाव आयोग मुख्यालय की ओर मार्च कर रहे थे। उनमें से ज्यादातर को हिरासत में ले लिया गया।
हंगामे के बीच, विधेयकों को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक-2025 में विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी, यानी वाडा के प्रस्तावित बदलावों को शामिल करने की कोशिश की गई है। वाडा ने देश की डोपिंग रोधी एजेंसी, यानी नाडा के कामकाज में "सरकारी दखल" पर आपत्ति जताई थी।
ये बिल 2022 में पारित किया जाना था, लेकिन वाडा की आपत्तियों के कारण इसे रोकना पड़ा। वाडा ने खेलों में डोपिंग रोधी राष्ट्रीय बोर्ड की स्थापना पर आपत्ति जताई थी। बोर्ड में डोपिंग रोधी नियमों पर सरकार को सिफारिशें करने का अधिकार था।
बोर्ड में केंद्र सरकार के नियुक्त किए गए अध्यक्ष और दो सदस्य थे। इन्हें राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी की निगरानी करने और निर्देश देने का अधिकार था। वाडा ने इस प्रावधान को स्वायत्त संस्था में सरकारी दखल बताकर खारिज कर दिया। संशोधित विधेयक में बोर्ड को बरकरार रखा गया है, लेकिन उसे नाडा की निगरानी या सलाहकार की भूमिका के अधिकार नहीं दिए गए हैं। संशोधित विधेयक में कामकाज में नाडा की आजादी पर जोर दिया गया है।