चैत्र नवरात्रि की शुरूआत 30 मार्च को हुई थी और ये 6 अप्रैल को राम नवमी के दिन समाप्त होगा। नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना के साथ की जाती है और कलश में जल, आम के पत्ते, चावल, श्रृंगार का सामान पूजा में रखा जाता है। साथ ही जौ भी बोए जाते हैं। नवरात्रि के समापन में भी कलश का विशेष महत्व होता है। लेकिन कई लोग नहीं जानते कि नवरात्रि समाप्त होने के बाद नारियल व कलश में रखी सामग्री का क्या करना चाहिए? आइए बताते हैं आपको नवरात्रि के समाप्त होते ही कलश में रखी चीजों का क्या करना चाहिए।
कलश और नारियल
चैत्र नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना के साथ की जाती है और इस दौरान कलश में जल भरकर उसके ऊपर लाल चुनरी में लपेटा हुआ नारियल रखा जाता है। नवरात्रि समाप्त होने पर नारियल को उठाकर उसे प्रसाद के तौर पर घर में सदस्यों में बांट दें। वहीं कलश के पानी को तुलसी में डाल दें।
जौ
नवरात्रि में जौ बोने की भी परंपरा है जो कि मिट्टी के बर्तन में बोए जाते हैं। नवरात्रि के अंतिम दिन तक यह जौ अच्छे से उग जाते हैं। इन्हें मिट्टी के बर्तन से निकालें और थोड़े से जौ मंदिर में रख दें। इसके अलावा थोड़े से जौ तिजोरी में रख दें। इससे घर में बरकत और सुख-समृद्धि बनी रहती है। बाकी जौ को बहते पानी में विसर्जित कर दें।
चावल
कलश स्थापना के समय सबसे पहले नीचे चावल रखे जाते हैं फिर कलश रखते हैं। नवरात्रि समाप्त होने पर कलश के नीचे रखे चावल के दानों को घर के हर कोने में छिड़क दें। मान्यता है कि ऐसा करने से मां भगवती घर में वास करती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। साथ ही माता रानी की कृपा से कभी धन-दौलत की कमी नहीं होती।
श्रृंगार का सामान
चैत्र नवरात्रि में माता रानी को श्रृंगार का सामान भी चढ़ाया जाता है। नवरात्रि समाप्त होने पर श्रृंगार का सामान मंदिर से उठाकर अपने पास रखें और इसे मां दुर्गा का आशीर्वाद समझकर उपयोग करें। कहते हैं कि इससे अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।