उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में बसंत पंचमी के दिन संगम पर अद्भुत नजारा दिखा। सुबह से ही घाटों पर साधु-संतों और श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। सोमवार को बसंत पंचमी के दिन तीसरे भव्य अमृत स्नान के अवसर पर नागा साधु आकर्षण का केंद्र बन गए। अपने खास स्वरूप और अनूठी रस्मों से श्रद्धालुओं की भीड़ को उन्होंने आकर्षित किया।
भस्म लिपटे और सांसारिक संपत्ति और इच्छाओं के पूर्ण त्याग के प्रतीक नागा साधु संगम पर पवित्र स्नान करने पहुंचे। घाट पर नागा साधुओं को देख श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। अमृत स्नान के लिए जाते वक्त अलग-अलग अखाड़ों के साधु-संत भाले, तलवार और त्रिशूल के साथ नजर आए।
'डमरू' और पारंपरिक युद्ध तकनीकों के प्रदर्शन ने महाकुंभ में चार चांद लगा दिए। कुछ नागा साधु घोड़ों पर सवार दिखे, जबकि कुछ गले में माला और त्रिशूल लिए नंगे पैर चलते नजर आए। पुरुष नागा साधुओं के साथ-साथ बड़ी संख्या में महिला संन्यासी भी मौजूद थीं, उन्होंने भगवा रंग के कपड़े पहने हुए थे।