Uttarakhand: प्राचीन चामुंडा देवी मंदिर के लिए के लिए निकाली गयी कलश यात्रा कों हरिद्वार स्थित बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर के पास वन विभाग के द्वारा रोका गया। आपको बता दें की धर्मनगरी हरिद्वार मे सोनारकोठी मेरू पर्वत में मां चामुंडा देवी का प्राचीन मंदिर है। यह क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व में आता है।
लिहाजा, वन विभाग ने पिछले कई वर्षों से मंदिर तक कलश यात्रा पर रोक लगाई है। गुरुवार को प्राचीन मां चामुंडा देवी उत्थान समिति और देवभूमि भैरव सेना संगठन के पदाधिकारियों के नेतृत्व में हरकी पैड़ी से कलश यात्रा शुरू हुई। समिति सचिव सुनील शर्मा ने बताया कि वन विभाग पार्क प्रशासन के द्वारा हठधर्मिता के तहत मंदिर जाने से रोका जा रहा है जबकि मेरू पर्वत तक कलश यात्रा निकालने के लिए वन विभाग से अनुमति मांगी गई थी, लेकिन वन विभाग की टीम मंदिर के लिए जाने वाले जंगल शुरू होने से पहले प्रवेश द्वार पर तैनात हो गई।
यह कलश यात्रा हरकी पैड़ी से अपर रोड, पोस्ट आफिस, हनुमान मंदिर होकर मां चामुंडा देवी के प्रवेश द्वार पर पहुंची तो वन विभाग ने उसे रोक दिया संगठन से जुड़े लोगो ने नारेबाजी करते हुए मंदिर तक जाने के लिए काफी देर तक समिति के लोग यात्रा मंदिर तक ले जाने की अनुमति मांगते रहे लेकिन वन विभाग ने उनको नहीं जाने दिया। आखिर में श्रद्धालुओं से वन विभाग के द्वारा कलश को लेकर प्रवेशद्वार के पास स्थापित करवाया गया।
वन विभाग डिप्टी रेंजर गणेश का कहना है कि यह क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व में आता है यहां माननीय सुप्रीम कोर्ट और एनटीसी की निर्धारित गाइडलाइन है, कि किसी प्रकार की मानवीय गतिविधियों का पूर्णतः प्रतिबंध किया गया है। इसी क्रम में यह लोग कलश यात्रा लेकर जा रहे थे जिनको यहां रोका गया है। इनके द्वारा प्रतिवर्ष यह यात्रा आती है जिनको प्रवेश की अनुमति नहीं है जिसके लिए इनको यहां रोका गया है।