ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और देवी सुभद्रा की 'स्नान यात्रा' श्री जगन्नाथ मंदिर में शुरू हुई। इसे देव स्नान पूर्णिमा भी कहा जाता है।
स्नान बेदी की ओर जाने से पहले देवताओं के स्नान को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु जगन्नाथ मंदिर पहुंचे। 'स्नान बेदी' में भेजे जाने के बाद मूर्तियों को स्नान कराया जाता है।
स्नान यात्रा भगवान जगन्नाथ के जन्मदिन के मौके पर भी मनाया जाता है। ये ओडिशा में रथ यात्रा से पहले मनाया जाता है।