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खाना खाने के बाद क्यों होती है मीठा खाने की क्रेविंग? ये हैं 6 कारण

खाना खाने के बाद मीठा खाने की क्रेविंग एक सामान्य समस्या है, जो अक्सर कई लोगों को होती है। इस craving का कारण शारीरिक और मानसिक दोनों हो सकते हैं। मीठे खाने का मन करने के पीछे कई कारक जिम्मेदार हो सकते हैं, जिनमें आपकी जीवनशैली, आहार, और शारीरिक स्थिति शामिल हैं। आइए जानते हैं उन प्रमुख कारणों के बारे में, जिनकी वजह से खाना खाने के बाद मीठा खाने का मन करता है।

1. ब्लड शुगर लेवल का उतार-चढ़ाव
जब आप भोजन करते हैं, तो आपके शरीर में शुगर का स्तर बढ़ता है। इसके बाद, इंसुलिन का रिलीज़ होना जरूरी होता है ताकि शुगर को शरीर की कोशिकाओं में ऊर्जा के रूप में परिवर्तित किया जा सके। यदि आपके शरीर में ब्लड शुगर का स्तर जल्दी गिरता है, तो आपका शरीर और मस्तिष्क फिर से एक तत्काल ऊर्जा स्रोत की तलाश करते हैं, और इस स्थिति में मीठे खाने की क्रेविंग बढ़ सकती है।

कैसे करें नियंत्रण: संतुलित आहार खाएं जिसमें प्रोटीन, फाइबर और अच्छे वसा की मात्रा हो, जिससे ब्लड शुगर का स्तर स्थिर बना रहे।

2. दिमाग में खुशी के हॉर्मोन की कमी
मीठा खाने से हमारे शरीर में सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे "खुशी के हॉर्मोन" का स्तर बढ़ता है। जब आप खाना खाने के बाद मीठा खाते हैं, तो यह हॉर्मोन रिलीज होते हैं, जो आपको आनंद और संतुष्टि का अहसास कराते हैं। यदि आपका शरीर इन हॉर्मोन की कमी महसूस करता है, तो मीठा खाने की क्रेविंग और भी बढ़ सकती है।

कैसे करें नियंत्रण: मानसिक तनाव कम करने के लिए ध्यान, योग और नियमित व्यायाम की आदत डालें, जिससे आपके शरीर में सेरोटोनिन और डोपामिन का स्तर बेहतर बना रहे।

3. आहार में अधिक कार्बोहाइड्रेट्स
खाना खाने के दौरान अगर आपने अधिक कार्बोहाइड्रेट्स (जैसे चावल, रोटी, पास्ता आदि) का सेवन किया है, तो शरीर में शुगर का स्तर जल्दी बढ़ता है और फिर जल्दी गिरने लगता है। इससे आपको फिर से मीठा खाने की क्रेविंग होती है क्योंकि आपका शरीर ऊर्जा के लिए फिर से शुगर की तलाश करता है।

कैसे करें नियंत्रण: कार्बोहाइड्रेट्स के साथ प्रोटीन और फाइबर का संतुलित सेवन करें, ताकि शुगर का स्तर स्थिर रहे और आपको बार-बार मीठा खाने की इच्छा न हो।

4. भावनात्मक भूख
कभी-कभी हम तनाव, चिंता, या खुशी जैसी भावनाओं से निपटने के लिए मीठा खाना चाहते हैं। यह एक प्रकार की भावनात्मक भूख होती है, जहां हम शारीरिक भूख के बजाय मानसिक स्थिति के कारण मीठे की ओर आकर्षित होते हैं। खाने से मानसिक संतुष्टि मिलती है और अस्थायी रूप से तनाव या चिंता कम होती है।

कैसे करें नियंत्रण: भावनात्मक भूख को पहचानें और इसके स्थान पर स्वस्थ शौक, जैसे कि संगीत सुनना, किताब पढ़ना या बाहर टहलना, अपनाएं।

5. शरीर में मैग्नीशियम की कमी
कई बार मीठा खाने की क्रेविंग मैग्नीशियम की कमी का संकेत हो सकती है। जब शरीर में इस खनिज की कमी होती है, तो यह तंत्रिका तंत्र और मांसपेशियों को प्रभावित करता है, जिससे मीठे की इच्छा बढ़ सकती है। यह अक्सर अधिक चॉकलेट खाने की क्रेविंग के रूप में दिखता है, क्योंकि चॉकलेट मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत होता है।

कैसे करें नियंत्रण: अपनी डाइट में मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कि हरी पत्तेदार सब्जियां, बादाम, और दलहन शामिल करें।

6. सोशल और संस्कृति से जुड़ी आदतें
बहुत बार मीठा खाने की क्रेविंग एक आदत बन जाती है, जो सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं से जुड़ी होती है। उदाहरण के लिए, कुछ लोग भोजन के बाद मिठाई खाना पारंपरिक मानते हैं, या किसी खास अवसर पर मिठा खाने की आदत होती है। यह आदतें मस्तिष्क में इतनी गहरी बैठ जाती हैं कि बिना मिठा खाए भोजन अधूरा सा लगता है।

कैसे करें नियंत्रण: धीरे-धीरे इस आदत को बदलें। भोजन के बाद मीठा खाने की बजाय फल, सूखे मेवे या अन्य स्वस्थ विकल्प अपनाएं।

खाना खाने के बाद मीठा खाने की क्रेविंग के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शारीरिक, मानसिक और आदतों से जुड़ी समस्याएं शामिल हैं। हालांकि, यह सामान्य है, लेकिन यदि यह अत्यधिक हो, तो यह शरीर में पोषक तत्वों की कमी या आहार संबंधी असंतुलन का संकेत हो सकता है। इसके नियंत्रण के लिए संतुलित आहार, मानसिक शांति और स्वस्थ आदतों को अपनाना जरूरी है। अगर यह क्रेविंग लगातार बनी रहती है, तो एक आहार विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर रहेगा।