Irregular Periods: आजकल के बदलते लाइफस्टाइल की वजह से हमारे जीवन में बहुत बदलाव आ रहे हैं। बदलते लाइफस्टाइल का सबसे ज्यादा असर महिलाओं के गर्भ पर पड़ रहा है। आमतौर पर महिलाओं के पीरियड्स पर, दरअसल, पीरियड्स साईकल 28 से 35 दिनों का होता है। कई बार इसमें 3 से 4 दिनों की देरी भी हो जाती है। कई महिलाओं को शिकायत भी होती है कि उनकी पीरियड्स की तारीख हर महीने बदल जाती है। जैसे उन्हें इस महीने 20 को हुआ, तो अगले महीने 27 या 30 को होगें। वहीं तीसरे महीने ये तारीख फिर बदल जाती है। ऐसे में उन्हें बहुत सी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है और उन्हें अपने सेहत की चिंता भी सताने लगती है। आइए जानते हैं आखिर क्यों होते हैं इर्रेगुलर पीरियड्स और ये कितना खतरनाक हो सकता है।
तनाव और थकान
किसी भी चीज का ज्यादा स्ट्रेस लेना तनाव जैसी परेशानियां खड़ी कर सकता है। जिसका असर पीरियड्स पर अच्छा खासा पड़ता है, इसिलए बेहद जरुरी है कि महिलाओं का ज्यादा स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए।
ये हैं कुछ वजह
- अंतर्गर्भाशयी डिवाइस (आईयूडी) होना
- बर्थ कंट्रोल गोलियाँ बदलना या कुछ दवाओं का उपयोग करना
- बहुत अधिक व्यायाम
- पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस)
- गर्भावस्था या स्तनपान
- तनाव
- थायराइड
- गर्भाशय के अस्तर का मोटा होना या पॉलीप्स
- गर्भाशय फाइब्रॉएड