Breaking News

जल्द ही तेलंगाना में भी SIR करा सकता है चुनाव आयोग     |   राष्ट्रपति ने 'वीबी-जी राम जी विधेयक, 2025' को मंज़ूरी दी     |   आगरा में बेसमेंट निर्माण के दौरान हादसा, 7 लोग मलबे में दबे     |   दक्षिण अफ्रीका: पब में गोलीबारी, 9 लोगों की मौत     |   पश्चिम बंगाल: TMC से निलंबित हुमायूं कबीर का ऐलान, नई पार्टी बनाकर 294 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव     |  

यूरिन से प्रेग्नेंसी का पता कैसे चलता है

प्रेग्नेंसी का पता लगाने के लिए घर पर इस्तेमाल होने वाले प्रेग्नेंसी टेस्ट किट्स (Pregnancy Test Kits) का आधार एक खास केमिकल एचसीजी (Human Chorionic Gonadotropin) पर होता है। यह एक हार्मोन है जो केवल प्रेग्नेंट महिलाओं के शरीर में होता है। जब एक महिला गर्भवती होती है, तो एचसीजी का स्तर तेजी से बढ़ता है, और यह हार्मोन गर्भाशय के अंदर स्थित प्लेसेंटा द्वारा रिलीज़ किया जाता है।

एचसीजी (HCG) हार्मोन क्या है?
एचसीजी एक खास हार्मोन है, जो गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में बनता है। जब गर्भवती महिला का अंडाणु पुरुष के शुक्राणु से निषेचन (fertilization) के बाद गर्भाशय में विकसित होता है, तो एचसीजी का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है। यह हार्मोन गर्भधारण के 6-10 दिन बाद रक्त और यूरिन में पाया जा सकता है, और यह हार्मोन प्रेग्नेंसी टेस्ट किट्स द्वारा पहचाना जाता है।

प्रेग्नेंसी टेस्ट किट कैसे काम करता है?
पानी या यूरिन में एचसीजी हार्मोन की पहचान: जब आप प्रेग्नेंसी टेस्ट किट में यूरिन की कुछ बूंदें डालती हैं, तो उस किट में मौजूद रिएक्टिव एंटीबॉडी एचसीजी हार्मोन से रिएक्ट करती हैं।

कैमिकली रिएक्शन: टेस्ट किट में एक विशेष रिएक्शन होती है, जहां यदि एचसीजी हार्मोन यूरिन में मौजूद होता है, तो किट पर एक रंगीन लाइन (या दोनों लाइनें) दिखाई देती हैं, जो प्रेग्नेंसी का संकेत देती हैं।

निगेटिव रिजल्ट: यदि किट में एचसीजी हार्मोन नहीं पाया जाता है, तो कोई लाइन नहीं दिखाई देती है, या केवल एक कं्ट्रोल लाइन दिखाई देती है। इसका मतलब है कि आप गर्भवती नहीं हैं।

प्रेग्नेंसी टेस्ट किट के अंदर क्या होता है?

टेस्ट स्ट्रिप: यह मुख्य रूप से उस क्षेत्र पर होता है जहां यूरिन डालने पर परीक्षण होता है।
रिएक्शन ज़ोन: टेस्ट स्ट्रिप में यह ज़ोन उस स्थान को चिन्हित करता है जहां यूरिन को रिएक्ट करने के लिए छोड़ा जाता है।
सेंसर (Antibody-coated area): किट में एक ऐसा क्षेत्र होता है जहां एंटीबॉडी्स को कोट किया जाता है, जो एचसीजी हार्मोन से रिएक्ट करते हैं। जब यूरिन में एचसीजी हार्मोन होता है, तो वह इस एंटीबॉडी से बाइंड करता है, जिससे एक रंगीन लाइन बनती है।

प्रेग्नेंसी टेस्ट किट की सटीकता:
समय: टेस्ट सुबह-सुबह करना सबसे अच्छा होता है, क्योंकि रात भर यूरिन में एचसीजी हार्मोन का स्तर अधिक सघन (concentrated) होता है, जिससे रिजल्ट्स अधिक सटीक होते हैं।
टेस्ट की सही विधि: अगर आपने किट को सही तरीके से उपयोग किया है, तो आमतौर पर यह 99% तक सही रिजल्ट देता है। हालांकि, कभी-कभी फॉल्स निगेटिव या फॉल्स पॉजिटिव परिणाम भी आ सकते हैं, इसलिए टेस्ट के बाद डॉक्टर से पुष्टि करना जरूरी होता है।

संभावित गलत रिजल्ट के कारण:
बहुत जल्दी टेस्ट करना: यदि आप प्रेग्नेंसी के पहले कुछ दिनों में ही टेस्ट करती हैं, तो हार्मोन का स्तर उतना अधिक नहीं होता कि टेस्ट किट उसे पहचान सके।
अत्यधिक पानी पीना: अगर आपने टेस्ट से पहले बहुत अधिक पानी पी लिया हो, तो यूरिन बहुत पतला हो सकता है, जिससे एचसीजी हार्मोन का स्तर कम दिखाई दे सकता है।
किट की गुणवत्ता: किट की तारीख समाप्त हो जाने या उसे ठीक से स्टोर न करने के कारण भी परिणाम गलत हो सकते हैं।
गर्भपात : कभी-कभी गर्भपात के बाद या बाहरी गर्भावस्था (ectopic pregnancy) में भी एचसीजी हार्मोन का स्तर बदल सकता है, जिससे परिणाम गलत हो सकते हैं।

प्रेग्नेंसी टेस्ट किट्स में यूरिन के साथ एचसीजी हार्मोन के रिएक्शन का उपयोग किया जाता है, और यही वह केमिकल होता है जो प्रेग्नेंसी का पता लगाने में मदद करता है। ये किट्स सरल, सस्ते और जल्दी परिणाम देने वाले होते हैं, लेकिन हमेशा टेस्ट के बाद डॉक्टर से कन्फर्मेशन लेना सबसे अच्छा होता है।