अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के "बिग ब्यूटीफुल बिल" में कर कटौती, खर्च की प्राथमिकताएं और राष्ट्रीय सुरक्षा निधि को शामिल किया गया है। इसका मकसद 2017 में उनके किए गए चार ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा की कर कटौती को स्थायी बनाना है। इसमें कर्मचारियों के सुझाव के आधार पर आयकर में छूट भी शामिल है। बिल में सीमा सुरक्षा और सामूहिक निर्वासन के लिए 350 बिलियन डॉलर आवंटित किए गए हैं।
इन बदलावों के लिए धन चाहिए। धन के लिए विधेयक में मेडिकेड, खाद्य सहायता और स्वच्छ ऊर्जा कार्यक्रमों में 1.2 ट्रिलियन डॉलर कटौती का प्रस्ताव है। कुछ रिपब्लिकनों को डर है कि कटौती बहुत ज्यादा है। उधर डेमोक्रेट इसे गरीबों और हरित अर्थव्यवस्था के लिए "मौत की सजा" बता रहे हैं।
कांग्रेस के बजट विभाग का कहना है कि इस विधेयक की वजह से 2034 तक एक करोड़ 18 लाख लोगों के पास बीमा नहीं होगा। साथ ही 3.3 ट्रिलियन डॉलर घाटा बढ़ेगा। अमीरों को कर कटौती से 12 हजार डॉलर का फायदा, जबकि गरीबों को एक हजार 600 डॉलर का नुकसान हो सकता है।
शुरुआती विधेयक हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में पास हो चुका है। सीबीओ का अनुमान है कि इससे एक करोड़ नौ लाख लोगों की स्वास्थ्य सुविधा और तीस लाख लोगों की खाद्य सहायता खत्म हो जाएगी। एलन मस्क ने इस योजना को "पूरी तरह पागलपन से भरा और विनाशकारी" कहा है।
सीनेट रिपब्लिकनों ने कई प्रावधानों को चिह्नित किया, जो बायर्ड नियम के खिलाफ थे। इसके बाद विधेयक को संशोधित किया गया। बदलावों में ग्रामीण अस्पतालों के लिए 25 बिलियन डॉलर, मेडिकेड प्रदाता कर कटौती में देरी और राज्य और स्थानीय कर कटौती पर पांच साल तक 40,000 डॉलर कैप शामिल हैं। सीनेट में पास होने के बाद विधेयक को वापस सदन में भेजा जाता है। उसके बाद इसे व्हाइट हाउस भेजा जाता है।