Haridwar: इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच कई भारतीय नागरिक ईरान में फंसे हुए हैं। वहां हालात इतने भयावह हैं कि ईरान के अलग-अलग क्षेत्रों में बमबारी जारी है। उत्तर प्रदेश के हरिद्वार के मंगलौर क्षेत्र में रहने वाला एक परिवार अपने प्रियजनों की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित है। इस क्षेत्र के कई लोग मजहबी और चिकित्सा की पढ़ाई करने के लिए ईरान गए हैं।
ईरान के खराब हालात के बीच कुछ परिवारों का दावा है कि अब वे ईरान में फंसे अपने प्रियजनों से संपर्क में नहीं हैं। स्थानीय प्रतिनिधियों ने लोगों को भरोसा दिया है कि वे भारत सरकार के संपर्क में हैं और उनसे परिजनों को सुरक्षित घर लाने की अपील की है।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के दरियाबाद क्षेत्र के रहने वाले एक परिवार के दस सदस्य वहां चल रहे तनाव के वजह से फंसे हुए हैं। ये सभी 20 मई को 24 दिनों की तीर्थयात्रा के लिए निकले थे और 13 जून को भारत लौटने वाले थे। उनके परिजनों ने सरकार से सभी 10 लोगों को सुरक्षित भारत लाने की अपील की है।
इसी तरह कर्नाटक के बेंगलुरू का एक परिवार अपनी बेटी की वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहा है, जो ईरान के एक यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस के चौथे साल की पढ़ाई कर रही हैं। हालांकि ईरान के साथ-साथ इजरायल में भी भारतीय नागरिकों के लिए हालात ऐसे ही हैं।
तेलंगाना के जगतियाल कस्बे के रहने वाले एक शख्स की भीषण बमबारी के बीच दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। उनके परिजनों ने सरकार से अपील की है कि उनका पार्थिव शरीर जल्द से जल्द भारत लाया जाए।
भारत में ईरान के उप- राजदूत ने बुधवार को कहा कि उनका देश सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए भारतीय दूतावास के साथ मिलकर काम कर रहा है। इस बीच अर्मेनिया से निकाले गए भारतीय छात्रों का पहला जत्था, 100 से ज्यादा छात्रों को लेकर गुरुवार तड़के दिल्ली पहुंचा। इन 110 स्टूडेंट में 90 कश्मीरी हैं।