मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले में मौजूद कुकर्रामठ गांव में एक प्राचीन मंदिर है, जिसे ऋण मुक्तेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि भगवान शिव का ये मंदिर एक वफादार कुत्ते की समाधि पर बना है। बताया जाता है लाखा नामक बंजारे ने पैसों की जरूरत पड़ने पर अपने इस वफादार कुत्ते को राजा के पास गिरवी रख दिया था। इसी दौरान महल में चोरी हुई, लेकिन कुत्ते की सूझबूझ से पूरा सामान वापस मिल गया।
कुत्ते की वफादारी से खुश होकर राजा ने उसके गले में बंजारे के नाम खत लिखकर उसे छोड़ दिया। कुत्ता अपने मालिक के पास पहुंचा तो बंजारे को लगा कि वो महल से भाग आया है। गुस्से में बंजारे ने उसे मार डाला। इसके बाद बंजारे ने कुत्ते के गले में लटका खत पढ़ा तो उसे बहुत अफसोस हुआ। इसी पश्चाताप में उसने कुत्ते की याद में ये मंदिर बनवाया।
ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर, जिसका मतलब है 'कर्ज माफ करने वाला' मंदिर, ये भक्तों के बीच काफी लोकप्रिय है। यहां आने वाले भक्त मानते हैं कि यहां प्रार्थना करने से वे अपने कर्जों से मुक्त हो जाएंगे।