उच्चतम न्यायालय ने यूट्यूबर एल्विश यादव के खिलाफ सांप के जहर मामले में अधीनस्थ अदालत में जारी कार्यवाही पर रोक लगा दी। न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति जे. बागची की पीठ ने मामले में यादव के खिलाफ आरोपपत्र और आपराधिक कार्यवाही को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता गौरव गुप्ता को नोटिस जारी किया। शीर्ष अदालत इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ यादव द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।
आरोपपत्र में विदेशियों सहित अन्य लोगों द्वारा ‘‘रेव’’ पार्टी के दौरान नशे के रूप में सांप के जहर के सेवन का आरोप लगाया गया है। यादव को पिछले साल मार्च में नोएडा पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किया था। यादव के वकील ने उच्च न्यायालय में दलील दी थी कि आवेदक और सह-आरोपी के बीच कोई संबंध स्थापित नहीं हुआ है।
इसके अलावा उनके पास से कोई सांप, मादक पदार्थ या नशीला पदार्थ बरामद नहीं हुआ था। वकील ने कहा कि शिकायतकर्ता पशु कल्याण अधिकारी नहीं है, फिर भी उसने खुद को पशु कल्याण अधिकारी बताते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। वकील ने कहा कि यादव एक ‘‘जाने-माने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर’’ हैं जो टेलीविजन पर कई रियलिटी शो में दिख चुके हैं, ऐसे में प्राथमिकी में उनका नाम आने से ‘‘मीडिया का बहुत ध्यान’’ आकर्षित हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट ने एल्विश यादव के खिलाफ सांप के जहर मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर लगाई रोक
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