देश भर के इस्कॉन मंदिरों में कृष्ण जन्माष्टमी पर भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव हर साल हिंदू कैलेंडर के भादो महीने की अष्टमी को मनाया जाता है। माना जाता है कि उनका जन्म आधी रात को हुआ था। तेलंगाना के सिकंदराबाद में श्रद्धालुओं ने मंदिरों में सुबह-सुबह होने वाली मंगल आरती में हिस्सा लिया। वे भगवान श्रीकृष्ण की एक झलक पाने के लिए लंबी कतारों में लगे। इस मौके पर मंदिर के पुजारियों ने श्रद्धालुओं को प्रसाद भी बांटा।
असम में गुवाहाटी के इस्कॉन मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा के लिए बड़ी संख्या में लोग जमा हुए। पुजारियों ने कई तरह की पूजा की। महिलाओं और दूसरे लोगों ने गरबा डांस करके अपनी श्रद्धा का परिचय दिया। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में भारी भीड़ के बावजूद श्रद्धालु बेफिक्र थे। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे तो खूबसूरत साज-सज्जा देखकर दंग रह गए।
भक्ति भरे माहौल में मंदिर के अधिकारियों ने उत्सव की तैयारियों के बारे में बताया। उन्होंने मंदिर सजाने के लिए दूर-दूर से सजावटी सामानों का बंदोबस्त किया था। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में भी इस्कॉन मंदिर को खूबसूरती से सजाया गया था। श्रद्धालुओं ने पूरी भक्ति से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की।
आधी रात को भगवान श्रीकृष्ण का महाभिषेक किया जाएगा। उन्हें 108 किस्म के भोग अर्पित किए जाएंगे। इसके बाद महा आरती होगी और श्रद्धालुओं को प्रसाद दिया जाएगा। जन्माष्टमी के अगले दिन नंदोत्सव मनाया जाता है। ये भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी का त्योहार है।
देश भर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम, श्रद्धालुओं में भारी उत्साह
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