वायदा और विकल्प सौदों पर प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) बढ़ाने का मंगलवार को बजट में प्रावधान किए जाने से घरेलू शेयर बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव के हालात पैदा हो गई। हालांकि मानक इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी आखिर में मामूली गिरावट के ही साथ बंद हुए। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित इंडेक्स सेंसेक्स एक समय 1,200 अंक से ज्यादा गोता लगा बैठा था। लेकिन बजट भाषण खत्म होने के बाद इसने धीरे-धीरे अपने नुकसान की काफी हद तक भरपाई कर ली। कारोबार के अंत में ये 73.04 अंक यानी 0.09 प्रतिशत की हल्की गिरावट के साथ 80,429.04 पर बंद हुआ।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश करते हुए वायदा और विकल्प सौदों पर कर एसटीटी में बढ़ोतरी और इक्विटी निवेश पर दीर्घकालिक अवधि में होने वाले पूंजीगत लाभ पर कर को बढ़ाने की घोषणा की। बजट में इन कदमों की घोषणा होते ही शेयर बाजार में बड़े पैमाने पर गिरावट देखी जाने लगी। उस समय सेंसेक्स 1,277.76 अंक यानी 1.58 प्रतिशत तक टूटकर 79,224.32 के निचले स्तर पर पहुंच गया था।
हालांकि कर रियायतों और सीमा शुल्क में कटौती ने टिकाऊ उपभोक्ता उत्पादों और दैनिक उपभोग वाले सामान बनाने वाली कंपनियों (एफएमसीजी) के शेयरों को बढ़ावा देने में मदद की, जिससे शेयर दिन के निचले स्तर से उबरने में सफल रहे। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का मानक सूचकांक निफ्टी 30.20 अंक यानी 0.12 प्रतिशत गिरकर 24,479.05 पर बंद हुआ।
कारोबार के दौरान एक समय निफ्टी 435.05 अंक यानी 1.77 प्रतिशत फिसलकर 24,074.20 पर आ गया था। सेंसेक्स के समूह में शामिल टाइटन ने छह फीसदी से ज्यादा की छलांग लगाई जबकि आईटीसी में पांच प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त रही।
इनके अलावा अडाणी पोर्ट्स, एनटीपीसी, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और सन फार्मा के शेयर भी बढ़त के साथ बंद हुए। दूसरी तरफ लार्सन एंड टुब्रो, बजाज फाइनेंस, भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक और एचडीएफसी बैंक के शेयर में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई।