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2 से 10 लाख की जाएगी डीमैट खाते की सीमा, जानिए सेबी प्लान

Delhi: पूंजी बाजार नियामक सेबी ने प्रतिभूति बाजार में खुदरा निवेशकों की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए बुधवार को बेसिक सर्विस डीमैट खाते (बीएसडीए) की सीमा को मौजूदा दो लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने का प्रस्ताव दिया।

बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट (बीएसडीए) खास प्रकार का डीमैट अकाउंट होता है, जिसे 2012 में सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने शुरू किया था। इसमें सामान्य डीमैट अकाउंट की तुलना में बहुत कम निवेश की आवश्यकता होती है और ये मुख्य रूप से छोटे निवेशकों के लिए है, जो नियमित रूप से स्टॉक, ईटीएफ , म्यूचुअल फंड में निवेश करने के इच्छुक नहीं हैं।

वर्तमान में ये उन निवेशकों पर बोझ भी कम करता है, जिनके पास डिपॉजिटरी में 2,00,000 लाख रुपये से कम के छोटे पोर्टफोलियो वाले डीमैट अकाउंट हैं। सेबी ने कहा कि प्रतिभूति बाजार में भागीदारी को और बढ़ावा देने और निवेश करने में आसानी के लिए बीडीएसए की सुविधा की समीक्षा की गई है।

नियामक ने प्रस्ताव दिया कि डीमैट खाते में रखी गई प्रतिभूतियों का मूल्य किसी भी समय लोन और डेप्ट के अलावा बाकी को मिलाकर 10 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होना चाहिए। इसके अलावा, नियामक ने बीएसडीए के लिए अधिकतम वार्षिक रखरखाव शुल्क (एएमसी) की समीक्षा करने का प्रस्ताव दिया है।

चार रुपये तक के पोर्टफोलियो मूल्यों के लिए, सेबी ने प्रस्ताव दिया कि बीडीएसए के लिए वार्षिक रखरखाव शुल्क शून्य होना चाहिए और चार लाख रुपये से ज्यादा और 10 लाख रुपये तक के पोर्टफोलियो मूल्यों के लिए शुल्क 100 रुपये होना चाहिए।