अपने घर की बालकनी में खड़े शेख जाकिर हुसैन मुंबई के पास कल्याण में रहते हैं। उन्हें उम्मीद है कि वो जल्द ही 25 लाख रुपये का कर्ज चुका पाएंगे, जो उन्होंने सात साल पहले घर खरीदने के लिए लिया था। बढ़ती ब्याज दरों ने इसे मुश्किल बना दिया था, लेकिन पिछले तीन महीनों में आरबीआई द्वारा लगातार दो बार ब्याज दरों में कटौती ने उनकी उम्मीदों को फिर से जगा दिया है।
हुसैन के दिमाग में सबसे बड़ा सवाल ये है कि बैंक ब्याज दरों में कटौती का फायदा उनके जैसे उपभोक्ताओं को कितनी जल्दी देंगे। मुंबई में रेलवे कर्मचारी विकास पाटिल उम्मीद कर रहे हैं कि ये जल्दी हो जाए, ताकि वो हर महीने की किस्त की चिंता के अलावा भी कुछ देख सकें।
भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को लगातार दूसरी बार ब्याज दरों में कटौती की और संकेत दिया कि जून में और कटौती की जा सकती है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती करके इसे छह प्रतिशत करने के लिए मतदान किया। समिति ने मई 2020 के बाद पहली बार, फरवरी 2025 में भी दरों में इतनी ही कटौती की थी।
महंगाई में कमी और तेल की कीमतों में गिरावट के साथ इस कदम से कर्ज लेने की लागत नवंबर 2022 के बाद सबसे निचले स्तर पर आ गई है। कम ब्याज दरों से व्यवसायों और उपभोक्ताओं दोनों को राहत मिलने की उम्मीद है, जिससे संभावित रूप से लोन की मांग, निवेश और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।