देश की राजधानी दिल्ली ग्रैप-4 नियमों के बाद भी खराब वायु गुणवत्ता से जूझ रही है, वहीं दूसरी ओर पूर्वोत्तर सहित दक्षिण भारत के कई हिस्सों में काफी हद तक प्रदूषण का कोई नामोनिशान नहीं है। असम के डिब्रूगढ़ में सोमवार को एक्यूआई का लेवल 50 से नीचे रहा। इस मामले में डिब्रूगढ़ के लोगों का कहना है कि उनके यहां स्वच्छ वातावरण इसलिए है क्योंकि वहां पर पर्यावरण को सहेजने के लिए कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं। जिनमें खासतौर से पौधारोपण का कार्यक्रम सबसे प्रमुख है।
हालांकि दिल्ली की बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए कई लोगों ने असम में चल रही निर्माण परियोजनाओं, जैसे राजमार्ग और फ्लाईओवर के निर्माण पर चिंता जताई, जिसके लिए पेड़ों को काटना जरूरी है। असम के नागांव में एक्यूआई का लेवल सोमवार दोपहर को लगभग 30 दर्ज किया गया, जहां पर्यटक साफ आसमान और ताजी हवा का आनंद ले रहे हैं।
नागांव का दौरा करने वाले दिल्ली के एक पर्यटक ने पूर्वोत्तर राज्यों के पर्यावरण और वातावरण की जमकर तारीफ की और इसकी तुलना दिल्ली के खराब प्रदूषण के हालात से की। मिजोरम की राजधानी आइजोल में हवा की गुणवत्ता सबसे बढ़िया बनी हुई है, जहां एक्यूआई का लेवल 30 के आसपास दर्ज किया गया। आइजोल के एक निवासी, जो कभी दिल्ली रहते थे। उन्होंने आइजोल शहर की स्वच्छ हवा और वातावरण की जमकर तारीफ की और दोनों शहरों के बीच प्रदूषण के बड़े फासले को लेकर हैरानी जताई।
इस बीच तमिलनाडु के रामेश्वरम में, लोगों ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर गंभीर चिंता जाहिर की और अपने यहां स्वच्छ पर्यावरण और साफ आसमान को लेकर खुशी जताई। देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर को छोड़कर देश के दूसरे हिस्से में लोग ताजी हवा में सांस ले रहे हैं, दिल्ली में वायु प्रदूषण की वजह से स्कूल और कॉलेज बंद करना पड़ा है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का लेवल 450 से ऊपर पहुंच गया है।