उत्तराखंड के धराली में 5 अगस्त को दोपहर करीब 1:45 बजे बादल फटने और भूस्खलन की घटना ने भारी तबाही मचाई। इस आपदा में अब तक 70 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। भारतीय सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं। सेना के अनुसार, हर्षिल से चार किलोमीटर दूर धराली में हुई इस घटना में सेना के कुछ जवान भी लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है।
घटना की सूचना मिलते ही सेना ने 150 जवानों को तुरंत मौके पर भेजा, जो 10 मिनट में पहुंचकर बचाव कार्य में जुट गए। शुरुआती प्रयासों में 20 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। सेना का एक ठिकाना भी भूस्खलन की चपेट में आया, लेकिन इसके बावजूद बचाव कार्य जारी है। घायलों को हर्षिल में सेना की चिकित्सा सुविधा में इलाज दिया जा रहा है। ड्रोन और खोजी कुत्तों का उपयोग फंसे हुए लोगों की तलाश में किया जा रहा है। गंगोत्री और धराली में सेना के दो अतिरिक्त राहत और बचाव दलों को तैनात किया गया है। हर्षिल से धराली तक सड़क मार्ग खोलने के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) भारी मशीनों के साथ काम कर रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने और आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तत्पर रहने के निर्देश दिए। धामी ने राहत शिविरों में भोजन, पानी, दवाइयां और आवास की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर सहायता में देरी हो रही है, लेकिन स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।