Madhya Pradesh: मां की मोहब्बत बेपनाह होती है। इंसानों में ही नहीं, खूंखार जानवरों में भी। जंगली कहलाने वाले जानवर भी ममता की कोमल भावनाओं से ओत-प्रोत होते हैं। इसकी मिसाल है मध्य प्रदेख में संजय डुबरी टाइगर रिजर्व की बाघिन टी-28। वो 'मौसी मां' के नाम से भी मशहूर है। इसकी वजह खास है। दो साल पहले उसकी बहन टी-18 एक ट्रेन हादसे का शिकार हो गई थी, लेकिन उसके तीन शावक अनाथ नहीं हुए। उन्हें मौसी टी-28 से मां का प्यार मिला।
टी-28 ने तीनों शावकों को अपने बच्चों की तरह पाला-पोसा, खिलाया-पिलाया और शिकार समेत जंगल में रहने वाले बाघ के लिहाज से सारे हुनर सिखाए। आज टी-28 चार नए शावकों की मां है। मौसी मां के रूप में उसने जिन तीन शावकों को पाल-पोस कर बड़ा किया, वे जंगल के किसी और हिस्से में अपनी दुनिया बसा चुके हैं। बाघिन टी-28 की ममता भगवान श्रीकृष्ण की जीवनी याद दिलाती है, जहां जन्म देने वाली और पालने वाली मां के प्यार में कोई फर्क नहीं था।