New Delhi: भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक रक्षा मंत्री मुल्ला मोहम्मद याकूब से मुलाकात कर उनके देश के कारोबार के लिए ईरान के चाबहार बंदरगाह के इस्तेमाल की पेशकश की और काबुल को मानवीय सहायता देने पर भी चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में पाकिस्तान-अफगानिस्तान-ईरान प्रभाग के संयुक्त सचिव जे.पी. सिंह ने किया।
यहां साप्ताहिक मीडिया वार्ता के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने मोहम्मद याकूब के अलावा पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और अन्य वरिष्ठ मंत्रियों और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के प्रमुखों से भी मुलाकात की।
जायसवाल ने एक सवाल के जवाब में कहा, “उन्होंने भारत की मानवीय सहायता के साथ ही इस बात पर भी चर्चा की कि किस प्रकार चाबहार बंदरगाह का इस्तेमाल अफगानिस्तान में व्यापारिक समुदाय के लेन-देन, आयात-निर्यात और दूसरे किसी कार्य के लिए किया जा सकता है...।”
भारत 2021 से अफगानिस्तान पर शासन कर रहे तालिबान शासन को मान्यता नहीं देता है। भारत समय-समय पर अफगान लोगों को गेहूं, दवाइयां और चिकित्सा आपूर्ति सहित मानवीय सहायता देता रहा है।
जायसवाल ने कहा, “मैं यहां ये भी याद दिलाना चाहता हूं कि अफगानिस्तान को मानवीय सहायता देना हमारे सहायता कार्यक्रम का अहम हिस्सा है और पिछले कुछ महीनों और कुछ सालों में हमने मानवीय मदद की कई खेपें भेजी हैं।
अफगानिस्तान के लोगों के साथ हमारे दीर्घकालिक संबंध हैं और ये संबंध देश के प्रति हमारे दृष्टिकोण को निर्देशित करते रहेंगे।” इस वर्ष की शुरुआत में भारत ने ईरान के साथ चाबहार बंदरगाह के विकास और संचालन के लिए 10 साल का अनुबंध किया था। चाबहार बंदरगाह को भारतीय मदद से बनाया गया है।