Mumbai: सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी ने एचडीएफसी लाइफ और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस जैसी निजी बीमा कंपनियों को शेयर बाजार में प्रदर्शन के मामले में पीछे छोड़ दिया है। इसके पीछे इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर जैसे बढ़ते क्षेत्रों पर लगाए गए दांव की अहम भूमिका रही है। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का शेयर बीते एक साल में करीब 79 फीसदी तक उछल चुका है। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 18 जुलाई को एलआईसी का शेयर 620 रुपये पर था लेकिन इस साल 16 जुलाई को ये 1,109.15 रुपये के भाव पर बंद हुआ।
इसकी तुलना में एचडीएफसी लाइफ के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई है। एक साल पहले एचडीएफसी लाइफ का शेयर बीएसई पर 666.55 रुपये पर था लेकिन मंगलवार को ये 646.55 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बंद हुआ। हालांकि, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस का शेयर इस दौरान 12 प्रतिशत का रिटर्न देने में सफल रहा है। इसका शेयर 16 जुलाई को 654.10 पर था जबकि 18 जुलाई, 2023 को इसका भाव 582 रुपये था। बीते एक साल में एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस का शेयर भी 1,314 रुपये से बढ़कर 1,621.20 रुपये पर पहुंच गया। इस तरह इसने 23 फीसदी की बढ़त हासिल की है।
बीमा कंपनियां दो तरीकों से पैसा कमाती हैं। पॉलिसियों के लिए प्रीमियम और फिर उस प्रीमियम को परिसंपत्तियों में निवेश कर वे कमाई करती हैं। ये दूसरा तरीका ही उनके मुनाफे में बड़ा अंतर पैदा करता है, जिससे मूल्य सृजन और रिस्क मैनेजमेंट पर असर पड़ता है। हालांकि, पूंजी बाजार विश्लेषकों का कहना है कि ज्यादातर भारतीय बीमा कंपनियों ने अभी तक देश के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में उभार का उतना फायदा नहीं उठाया है।
घरेलू बीमा कंपनियों ने बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा (बीएफएसआई), सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और उपभोक्ता क्षेत्रों में निवेश पर ज्यादा ध्यान दिया है। लेकिन हाल के दिनों में इन सभी क्षेत्रों का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। उनके निवेश का सिर्फ आठ से 10 प्रतिशत ही बुनियादी ढांचा सेक्टर में है जो ग्लोबल मानकों के मुकाबले में बहुत कम है। विश्लेषकों के मुताबिक, बड़ी ग्लोबल बीमा कंपनियों- मसलन, आलियांज, निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस और मेटलाइफ के अलावा बर्कशायर हैथवे जैसी दूसरी बीमा कंपनियों का बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 15 से 30 फीसदी तक का बड़ा जोखिम है।
भारत के लिए बड़े खर्च, समर्थन पहल और प्रोत्साहन नीतियों और शासन में सुधार के साथ इस क्षेत्र पर सरकार के विशेष ध्यान ने बुनियादी ढांचा उद्योग में नई जान डालने का काम किया है। विश्लेषकों के मुताबिक, ऐसी स्थिति में ढांचागत क्षेत्र का प्रदर्शन दूसरे सभी सेक्टरों से बेहतर रहा है। उन्होंने कहा कि खुदरा कर्ज पर ज्यादा ध्यान और बढोतरी के मौके के लिए बुनियादी ढांचे को देखने की रणनैतिक अनिच्छा ऐसी कंपनियों के शेयरधारकों के लिए हानिकारक साबित हो रही है।
इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में ज्यादा निवेश करने वाले भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के शेयरों में भी बीते एक साल में 48 फीसदी की तेजी आई है। हालांकि निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक के शेयरों में इस दौरान गिरावट रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में कम निवेश करने वाले कोटक और एचडीएफसी बैंक सबसे खराब प्रदर्शन कर रहे हैं और उनके शेयर नुकसान में रहे हैं। कोटक महिंद्रा बैंक का शेयर 18 जुलाई, 2023 को 1,895 रुपये पर था और मंगलवार को ये 1,805.20 रुपये पर बंद हुआ। वहीं एचडीएफसी बैंक मंगलवार को बीएसई पर 1,619.20 रुपये पर बंद हुआ, जो एक साल पहले 1,679 रुपये पर था।