New Delhi: पाकिस्तान से शरणार्थी के तौर पर आए 50 साल के सोना दास आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोट डालकर भारत में पहली बार लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बनेंगे। 2011 में भारत आए दास इसके लिए केंद्र सरकार का शुक्रिया अदा कर रहे हैं।
सोना दास और दिल्ली के मजनू का टीला इलाके में स्थित शरणार्थी शिविर में रहने वाले उनके जैसे कई लोगों के लिए ये महज एक चुनाव नहीं है बल्कि उम्मीदों से भरी नई शुरूआत है। इस शरणार्थी शिविर में लगभग 1,100 लोग रह रहे हैं। इनमें से करीब 500 को भारतीय नागरिकता मिल गई है और इतने ही लोगों को मतदान का अधिकार मिला है। हालांकि उनकी जरूरतें इससे कहीं ज्यादा हैं।
दूसरे शरणार्थी भी नागरिकता और मताधिकार का हक मिलने से खुश हैं। वे कहते हैं कि अपने मताधिकार का इस्तेमाल करना महत्वपूर्ण है। हालांकि शरणार्थी शिविर में अब भी ऐसे लोग हैं जो भारतीय नागरिकता मिलने का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें इसकी चिंता सता रही है।
निराशा और उम्मीद के बीच झूलते हुए पाकिस्तान से आए इन शरणार्थियों को अब पांच फरवरी का इंतजार है जब वे दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपना वोट डालेंगे।