New Delhi: सीबीआई और ईडी ने कथित एक्साइज पॉलिसी से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार बीआरएस की नेता के.कविता की ओर से दायर जमानत याचिका का दिल्ली हाई कोर्ट में मंगलवार को विरोध किया। केंद्रीय एजेंसियों ने अदालत से कहा कि वे बहुत ही प्रभावशाली और ताकतवर महिला हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकती हैं। कविता की ओर से पेश वकील ने कहा कि वे महिला हैं और उन्हें जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए।
इस पर जांच एजेंसियों ने कहा कि उन्होंने घोटाले की साजिश में अहम भूमिका निभाई और वे सक्रिय नेता और तेलंगाना विधानसभा की सदस्य होने के नाते ‘कमजोर’ महिला होने का दावा कर जमानत नहीं मांग सकती हैं। ईडी, सीबीआई और कविता के वकीलों की दलीलों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने बीआरएस नेता की जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया।
सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने दलील दी कि कविता केवल महिला नहीं हैं बल्कि प्रभावशाली महिला हैं और गवाहों को प्रभावित करने के मामले में काफी ताकतवर हैं। गवाहों में शामिल व्यक्ति ने दावा किया है कि उन्होंने उसको धमकी दी थी। ईडी के वकील ने भी दलील की दी कि कविता एक्साइज पॉलिसी की साजिशकर्ता और लाभार्थी हैं और अपराध की कड़ी सीधे तौर पर उनसे जुड़ती है।
ईडी ने कविता की जमानत अर्जी पर दिए जवाब में दावा किया कि उनको रिहा करने से आगे की जांच पर असर पड़ेगा। जो इस मामले से जुड़े मुख्य अपराधी का पता लगाने के लिए की जा रही है। जांच एजेंसी ने जवाबी हलफनामा में कहा, "के.कविता ने दूसरे लोगों के साथ मिलकर साजिया रची और लाभ पहुंचाने के बदले उन्होंने 100 करोड़ रुपये लिए।"
उनके वकील ने दलील दी की कि मामले में आरोपित बनाए गए 50 लोगों में कविता एकमात्र महिला हैं और अदालत से उनके महिला होने के नाते जमानत देने की गुहार लगाई। कविता इस समय सीबीआई और ईडी की ओर से दर्ज दो मामलों में न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी ने 46 साल की कविता को हैदराबाद के बंजारा हिल्स में उनके घर से 15 मार्च को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने उन्हें तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया। तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी कविता ने ईडी मामले में दाखिल जमानत अर्जी में कहा कि उनका एक्साइज पॉलिसी से कोई लेना देना नहीं है और उनके खिलाफ अपराधिक साजिश का मुकदमा केंद्र की साजिश है।