New Delhi: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को राजधानी में सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन पर सीएजी की रिपोर्ट को लेकर एएपी पर टिप्पणई की। सीएम ने इसे "व्यापक भ्रष्टाचार का पर्दाफाश" बताया। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट समीक्षा के लिए लोक लेखा समिति (पीएसी) को भेजी गई है और इसके निष्कर्ष तीन महीने में आने की उम्मीद है।
दिल्ली विधानसभा में सोमवार को गुप्ता के संबोधन के दौरान काफी नाटकीय माहौल देखने को मिला, जब आम आदमी पार्टी (एएपी) के विधायक जरनैल सिंह को कार्यवाही में बाधा डालने के लिए मार्शल के जरिए बाहर निकाल दिया गया, जिसके बाद एएपी के सभी विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
पिछली एएपी सरकार पर दिल्ली की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए गुप्ता ने कहा, "उनकी सरकार के तहत हर विभाग खस्ताहाल था और उसे उपचार की जरूरत थी। 'मोहल्ला क्लीनिक' भ्रष्टाचार का अड्डा बन गए थे, जहां न तो डॉक्टर थे, न ही दवाइयां और न ही मरीज।
"उनकी सरकार के तहत स्वास्थ्य विभाग, अस्पताल खस्ताहाल थे और उन्हें उपचार की जरूरत थी। 'आप-दा' के पिछले 10 सालों में स्वास्थ्य के नाम पर सिर्फ भ्रष्टाचार हुआ है। उनके काले कारनामे अब उजागर होने लगे हैं।'
अस्पतालों में जरूरी स्टाफ की कमी का आरोप लगाते हुए गुप्ता ने कहा कि 2,186 नर्सिंग पद खाली हैं और महंगी मेडिकल मशीनें आईसीयू और सीसीयू में इस्तेमाल होने के बजाय गोदामों में धूल खा रही हैं।दिल्ली के स्वास्थ्य क्षेत्र पर 2016-17 से 2021-22 तक की सीएजी रिपोर्ट, जिसे गुप्ता ने 28 फरवरी को विधानसभा में पेश किया, में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा खर्च में कई अनियमितताओं को उजागर किया गया।
विधानसभा में गुप्ता ने घोषणा की कि अगले सत्र में पुराने दिल्ली नर्सिंग होम पंजीकरण अधिनियम की जगह नैदानिक प्रतिष्ठान (पंजीकरण और विनियमन) अधिनियम, 2010 को लागू किया जाएगा।
स्पीकर ने कहा "सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कई विसंगतियों को उठाया है, जिसे लोक लेखा समिति को भेजा जाएगा। ये तीन महीने में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। दिल्ली सचिवालय भी स्वास्थ्य विभाग को तुरंत रिपोर्ट भेजेगा, जो एक महीने के बाद एक कार्रवाई नोट प्रस्तुत करेगा।" मुख्यमंत्री के संबोधन के बाद, नव-निर्वाचित आठवीं दिल्ली विधानसभा के पहले सत्र को स्पीकर ने अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया।